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ivri में मनाया गया विश्व मृदा दिवस,

बरेली । भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान एवं कृषि विज्ञान केंद्र, इज़्ज़तनगर बरेली ने विश्व मृदा दिवस का आयोजन किया जिसकी मुख्य उद्देश्य मृदा एवं जल: जीवन के स्त्रोत्र था । इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा, डॉ रूपसी तिवारी ने सभी कृषको को विश्व मृदा दिवस की बधाई दी एवं कृषको को मृदा तथा जल जैसे संसाधनो के संरक्षण करने हेतु प्रोत्साहित किया ।

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कम से कम प्राकृतिक संसाधनो का शोषण करते हुए कृषि करते हुए लाभ की ओर बढ़े, इस प्रक्रिया में संस्थान कृषको की सहायता एवं तकनीकी ज्ञान वर्धन हेतु सदैव तत्पर है। प्रसार शिक्षा विभागाध्यक्ष तथा कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ एच. आर. मीना ने कृषको का स्वागत किया । साथ ही अध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र ने कृषको से मृदा स्वास्थ बनाए रखने के लिए मृदा जाँच करवाने एवं मृदा स्वास्थ कार्ड के सदुपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया ।

 

 

कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में पशुधन उत्पादन प्रौद्योगिकी विभाग की डॉ गीता चौहान प्रधान वैज्ञानिक ने कृषको को मृदा, मानव स्वास्थ, पशु स्वास्थ की एक दूसरे पर निर्भरता चक्र की जानकारी दी एवं दुग्ध उत्पादो के मूल्य संवर्धन से जुड़ी जानकारी पर प्रकाश डाला । डॉ गीता चौहान ने सभी कृषक महिलाओ और पुरुषो को उत्पादक एवं उपभोक्ता के मध्य उत्पाद की गुणवत्ता पर विशेष महत्त्व देने की बात कही ।

 

 

पशु पोषण विभाग से डॉ अंजु काला, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कृषको को खेती एवं पशु स्वास्थ से जुड़े पोषक तत्व प्रबंधन की जानकारी प्रदान की जिसमे दुग्ध पशुओ का संतुलित चारा तैयार करने की विधि विस्तार से बताई । डॉ काला ने ग्रामीण महिलाओ के स्वास्थ से जुड़ी भी महत्त्वपूर्ण जानकारी साझा की जिसमे खून की कमी, लौह की कमी एवं केल्शियम की आपूर्ति के लिए विभिन्न उपाय बताए। डॉ रंजीत सिंह, बागबानी विशेषज्ञ कृषि विज्ञान केंद्र ने फल एवं सब्जियों हेतु मृदा के पोषण प्रबंधन की जानकारी प्रदान की ।

 

 

 

सब्जियों एवं फलो के लिए सामयिक कार्यो और बागो के प्रबंधन, गन्ने में रोग नियंत्रण एवं मिठास बढ़ाने क वैज्ञानिक तरीके बताए । श्रीमती वाणी यादव ने कृषको को मृदा नमूना निकालने की विधि बताई व मृदा जाँच प्रयोगशाला का भ्रमण कराया । कृषको को नमूना लाते समय विशेष सावधानियों से परिचित कराया गया । प्राकृतिक खेती एवं जैविक खेती में अंतर बताया गया और इन सभी से संबन्धित प्रशिक्षण की जानकारी दी ।

 

कार्यक्रम का संचालन प्रधान वैज्ञानिक डॉ आर एस सुमन ने किया एवं कृषको को धन्यवाद ज्ञापित किया । इस कार्यक्र्म में 75 कृषको ने प्रतिभागिता की जिसमे 68 पुरुष एवं 7 महिलाए थी । संस्थान के प्रांगण के साथ साथ विस्तार शिक्षा विभाग के वैज्ञानिक डॉ मदन सिंह एवं तकनीकी अधिकारी वीर सिंह के द्वारा नौगुवा ठगो खटीमा उत्तराखंड के आदिवासी समुदाय के कृषक महिलाओ के साथ भी विश्व मृदा दिव का आयोजन किया गया ।

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