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पंचदीपोत्सव:. दिवाली पर आयुष्मान योग, बरसेगी की धन देवी की कृपा

laxmi jee

ज्योतिषाचार्य पंडित मुकेश मिश्रा 

-धनतेरस से लेकर दिवाली, अन्नकूट व भाई दूज तक बन रहा विविध योगों का सुयोगसौभाग्य व आपसी प्रेम को मिलेगा बढ़ावा, आरोग्य व खुशहाली से झूम उठेगा पूरा देश

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बरेली: पंचदीपोत्सव का उल्लास बाजार में छाने लगा है। खुशियां द्वार पर दस्तक दे रही हैं। देवी लक्ष्मी के स्वागत को लोग बंदनवार, कमल पुष्प आदि की खरीदारी कर रहे हैं। बाजार में सजे लक्ष्मी-गणेश लोगों के क्लेश हरने को तैयार हैं। आभूषणों व बर्तनों का बाजार चमक बिखेर रहा है। आटो कारोबार भी रफ्तार भर रहा है। तमाम योग व ग्रहों का सुयोग भी इस बार पंचदीपोत्सव को मंगलमय बना रहे हैं। इस बार की धनतेरस तहां तीन गुना फल प्रदान करेगी, वहीं दिवाली सभी को आयुष्मान बनाएगी।

-धनतेरस

धनतेरस के दिन बाजार पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसेगी। त्रिपुष्कर योग में किए गए हर यत्न का तीन गुना फल प्राप्त होगा। धनतेरस के दिन सोना-चांदी खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। इसके अलावा लोग वाहन, भूमि व मकान आदि का भी क्रय करते हैं।  सूर्य, मंगल और बुध ग्रह धनतेरस के दिन तुला राशि में गोचर करेंगे। बुध और मंगल मिलकर एक धन योग बना रहे हैं। सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग का निर्माण होगा। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को राजयोग की श्रेणी में रखा गया है। मंगल-बुध की युति को व्यापार के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इसके अलावा भगवान धन्वंतिर और उनका अमृत कलश लोगों के लिए कल्याणकारी सिद्ध होगा।खरीदारी का शुभ मुहूर्तअभिजीत मुहूर्त– पूर्वाह्न 11:34 से 12:18 बजे तकचर लाभ अमृत का चौघड़ियासुबह 9.11 बजे से दोपहर 1.18 बजे तकलाभ का चौघड़ियाशाम 7.03 बजे से रात 8.41 बजे तक———————छोटी दिवाली व हनुमान जयंतीकार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दीपावली और हनुमान जयंती मनाई जाएगी। जो इस बार 3 नवंबर दिन बुधवार को है। इस दिन को नरक चतुर्दशी का पूजन किया जाता है। कार्तिक की शिवरात्रि भी इसी दिन होगी। इसके साथ ही पितरों की शांति और प्रेतों से मुक्ति के लिए सूर्यास्त शाम 5.17 बजे के बाद चतुरमुखी दीपक जलाया जा सकेगा। हनुमान जी का जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा।————————–दीपावली

चार नवंबर गुरुवार को अमावस्या के दिन दीपावली पर घरों को दीपक, झालर, तोरण अल्पनाओं से अलंकृत किया जाएगा। प्रथम देव गणपति संग संपन्नता की देवी लक्ष्मी का पूजन खील, बताशे, शक्कर के खिलौने, लइया, चूरा गट्टे संग किया जाएगा। इस दिन बन रहा आयुष्मान योग जहां लोगों को निरोग बनाएगा वहीं प्रीति योग से लोगों का आपसी सामंजस्य बेहतर होगा।कल्याणकारी चौघड़िया मुहूर्तलाभ – पूर्वाह्न 11:52 से दोपहर 01:28 बजे तकअमृत – दोपहर 01:29 से दोपहर 03:04 बजे तकशुभ – शाम 04:41 से शाम 06:16 बजे तकअमृत – शाम 06:17 से शाम 07:52 बजे तकचर – शाम 07:53 से रात 09:28 बजे तकरात्रि पूजन के लिएलाभ – रात 12:41 से 02:16 बजे तक—पांच नवंबर को गोवर्धन पूजा और अन्नकूटकार्तिक मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा पांच नवंबर को सौभाग्य लेकर आएगा। शुक्रवार को गोवर्धन और अन्नकूट पूजन किया जाएगा। इसमें गाय के रूप में लक्ष्मी का पूजन किया जाएगा, जिसमें लोग घरों में गाय के गोबर से भूमि पर वृंदावन बनाएंगे और कान्हाजी को गाय-बछड़ों के बीच गोवर्धन पर्वत उठाए दिखाएंगे। इसमें करवे की सीकों से सजावट की जाएगी। गोवर्धन पूजन के दिन गाय की पूजा की जाती है इसलिए दूध की बनी वस्तुओं के स्थान पर ताजी सब्जियां अर्पित की जाएंगी। प्रसाद में खीले, खाजा, बालूशाही, जलेबी, इमरती, बूंदी, पेठा का भोग लगाया जाएगा। 6.21 बजे सूर्योदय से सूर्यास्त तक किया जा सकेगा।—————–6 नवंबर को भाई दूज और चित्रगुप्त पूजाकार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया को यम द्वितीया कहा जाता है। इस साल यह पर्व छह नवंबर दिन शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन भाई दूज का भी पर्व मनाया जाएगा। भाई दूज का पूजन सुबह 6.22 बजे के बाद से दिनभर किया जा सकेगा। इस दिन शोभन योग विद्यमान होगा। इस दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा का भी काफी महत्व होता है।

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