बरेली |वैशाख मास शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि में मनाई जाने वाली अक्षय तृतीया इस बार 3 मई मंगलवार को पड़ रही है। इस बार की अक्षय तृतीया कई दुर्लभ संयोग को संजोए हुए हैं। जिस कारण इस बार कि अक्षय तृतीया बेहद ही खास होगी। ज्योतिष के अनुसार इस बार अक्षय तृतीया पर शोभन योग रहेगा। इसके साथ ही चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ तथा शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे, वही दो ग्रह अपनी स्वयं की राशि में होंगे इसमें शनि अपनी कुंभ राशि तथा बृहस्पति स्वयं की राशि मीन में गतिशील होंगे। ज्योतिष के अनुसार चार ग्रहों का अनुकूल स्थिति में होना अपने आप में विशेष है। इन शुभ संयोग में मंगल कार्य करना बहुत ही शुभ फलदाई होगा। सबसे खास बात तो यह है कि इस तृतीया पर तीन राजयोग भी बन रहे हैं।
शुक्र के अपनी उच्च राशि में होने से मालव्य राजयोग, गुरु के मीन राशि में होने से हंस राज योग और शनि के अपने घर में विद्यमान होने से हंसराज योग बन रहा है। अक्षय तृतीया पर इन ग्रहों के योग से बने अद्भुत संयोग में दान पुण्य करना किसी भी प्रकार का मंगल कार्य करना बहुत ही पुण्यकारी होगा। बता दे, अक्षय तृतीया पूरे वर्ष में तीन स्वयं सिद्ध कारक मुहूर्तों में से एक माना जाता है। इसलिए इसे अबूझ मुहूर्त भी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु मां लक्ष्मी की पूजा करने से वर्ष भर सुख -समृद्धि बरसती है। अक्षय का ‘अर्थ’ होता है जिसका कभी क्षय न हो। इसलिए इस दिन सोना-चांदी, भूमि- भवन, वाहन खरीदना बेहद ही मंगलकारी माना जाता है। इस दिन विवाह भी वगैर मुहूर्त बिचारे इस दिन कर सकते हैं। इस दिन कोई भी नया शुभ कार्य शुरू किया जा सकता है अक्षय तृतीया को मध्यान्ह 3:28 से शाम 5:05 तक राहुकाल रहेगा। इस दौरान खरीदारी इत्यादि से बचें।
वैज्ञानिक ऊर्जा का रूपांतरण है दान
अंक ज्योतिष के अनुसार 3 को अविभाज्य यानी अक्षय माना जाता है इसलिए अच्छे तृतीया का महत्व ज्यादा है। इसका अर्थ है इस दिन किया गया दान अविभाज्य यानी अक्षय है। दान को वैज्ञानिक ऊर्जा के रूपांतरण से जोड़कर देखा जा सकता है। इसलिए यह दिन दुर्भाग्य को सौभाग्य में परिवर्तित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ है।
लक्ष्मी चरण पादुका पूजन से मिलती है कृपा
इस दिन सोना चांदी की लक्ष्मी चरण पादुका खरीद कर उनकी पूजा करने से लक्ष्मी माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा व्यापारी वर्ग इस दिन अपने बहीखाते की पूजा करके धनागवन में वृद्धि कर सकते हैं।