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जिंदा महिला को  लेखपाल ने मृत घोषित किया , पीड़िता की शिकायत पर आरोपियों पर कार्रवाही 

मुजस्सिम खान

रामपुर | काश्तकारी की जमीनो के लेखा-जोखे के मामलो में लेखपाल और कानून गो को बहुत जानकार माना जाता है लेकिन अगर किसी जिंदा महिला को मृत दर्शाकर जमीनी दस्तावेज में खेल कर दिया जाए तो यह जरूर हैरत की बात होगी कुछ इसी तरह का एक मामला जनपद रामपुर में देखने को मिला है जिस पर एसडीएम ने एक्शन लेते हुए आरोपी लेखपाल और कानूनगो विरुद्ध कार्यवाही शुरू कर दी है।
रामपुर के शाहाबाद तहसील क्षेत्र अंतर्गत गांव भरतपुर निवासी मोहनदेई की थोड़ी सी खेती किसानी की जमीन है जिस पर लेखपाल और कानूनगो ने खेल कर डाला और उन्हें मृत दर्शाकर उनकी जमीन अभिलेखों मैं तीन अन्य व्यक्तियों के नाम दर्ज कर दी 14 महीने पहले लेखपाल और कानूनगो के इस खेल के बारे में जब हाल ही में पीड़ित महिला को पता चला तो उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई फिर पीड़िता ने एसडीएम अशोक चौधरी से मामले की शिकायत की जिसके बाद तहसील प्रशासन में हड़कंप मच गया और घटना की जांच की गई जिसमें शिकायत सही पाई गई और घटना मैं लेखपाल और कानूनगो की भूमिका संदिग्ध पाते हुए उन पर कानूनी कार्यवाही के आदेश दिए गए हैं |

एसडीएम अशोक चौधरी के मुताबिक तहसील शाहबाद में एक ग्राम है भरतपुर उसमें मोहन देई नाम की 2 महिलाएं हैं एक महिला जिंदा है और दूसरी मर चुकी है तो लेखपाल ने क्या किया कि जो जिंदा है उसकी जमीन पर प-क/11 कर दिया यह प-क/11 का आदेश 16/1/2021 को, परसों 28 तारीख को मैं अपने कार्यालय में बैठा हुआ था तो महिला मेरे सामने पेश हुई उसको बहुत विस्तार से सुना और सुनने के बाद मुझको लगा कि यह महिला की शिकायत ठीक है सही बात कह रही है मैंने तहसीलदार साहब को बुलाया और मैंने कहा आज ही जांच हो कर के अगर इनकी बात सही है तो इनको तुरंत न्याय हो जाना चाहिए| जब  तहसील साहब  ने  जाँच की तो यह बात बिलकुल सही निकली |    महिला का कहना  सत्य था वह जिंदा है और जो है वह जिंदा महिला की जमीन पर प-क/11 कर दिया गया यह बात मुझको बहुत नागवार लगी कल ही मैंने उस प-क/11 के आदेश को खत्म किया और उसके बाद जो है मैंने लेखपाल के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने के आदेश तहसीलदार साहब को दे दिए हैं इसमें एफ आई आर दर्ज कराएंगे ताकि भविष्य में किसी लेखपाल की यह हिम्मत न हो कि किसी गरीब व्यक्ति के साथ अन्याय कर सके। दो महिलाएं थी मोहनदेई नाम की एक मर गई थी लेखपाल की ड्यूटी है कि वह गांव में जाकर सत्यापन करें और कौन सही मृतक है उसका प-क/11 करें बिल्कुल लापरवाही की इन लोगों के द्वारा किया गया ना तो कोई जांच हुई ना कोई पड़ताल हुई|  कल ही जैसे ही मेरे संज्ञान में आया मैंने उसे आश्वस्त कर दिया था कि सूरज नहीं डूबेगा और आप को न्याय मिल जाएगा और मैंने करके दिखाया।

पीड़िता मोहनदेई के मुताबिक जमीन मृतक लिखवा दिए दूसरे के नाम करा दिए हमारी जमीन हमारे बेटे के नाम आती ये जो जगह बन रही है हमारे घर के सामने उसमें देख लिया हमने तब पता चला फिर एप्लीकेशन लगाया हमने हमारी जमीन हमारे नाम आ जाए लेखपाल ने हमसे कुछ भी नहीं कहीं और हमने जाकर कहा कि मैं जिंदा हूं मरी हुई को जिंदा लिखवा दिया  मै अब जिंदा हूं ।पीड़िता का पुत्र गंगा दयाल के मुताबिक मामला यह है कि मेरी मां का नाम मोहनदेई है उनके नाम थोड़ी 21 डिसिमल में जमीन थी और वह जमीन अब से 1 साल पहले लेखपाल ने मेरी मां को मृतक करके दूसरे अन्य जाति 3 लोगों के नाम जोड़ दिया थे हमें एक साल बाद पता चला तो हमने शिकायत  की |  एसडीएम साहब के यहां हमने कहा साहब हमारी मां को मृतक दिखा दिया है और हमारी मां जीवित है मां को पेश किया  फिर हमने एप्लीकेशन दी।  एसडीएम साहब को मां ने यह कहा कि मैं जिंदा बैठी हूं और मुझे मृतक लिखवा दिया है लेखपाल की  कार्यवाही का भी पता नहीं हुआ है या नहीं हमने अभी देखा नहीं है कार्यवाही होना चाहिए लेखपाल पर, वो बालकराम पुत्र रामस्वरूप और कल्लू पुत्र रामस्वरूप, वीरेंद्र पुत्र राम स्वरूप एक औरत थी उसके नाम कोई जमीन नहीं थी और अब से 12 साल पहले वह गुजर चुकी थी मां को ले जाकर के एसडीएम साहब के पास पेश किया गया फिर एसडीएम साहब ने कहा कि आप की जमीन आपके पास वापस आ जाएगी और इन दोनों पर केस  लगेगा |

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