भीम मनोहर
वरिष्ठ संवादाता
बरेली | यूक्रेन और रूस का पड़ोसी देश लातविया गणराज्य के मूर्तिकार ने भारत से अच्छे संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से एक अनोखी पहल की है | लातविया गणराज्य के विश्व विख्यात मूर्तिकार ने एक कलाकृति को भारत के लिए उपहार स्वरुप दिया है | यह कलाकृति बरेली के फरीदपुर रोड़ स्थित एक निजी नर्सिंग कॉलेज में 31 मार्च को लगाई जाएगी | यह कलाकृति एक बड़े कार्गो की मदद से बरेली पहुंची है |
इस कलाकृति का वजन कई टन के आसपास बताया गया है साथ ही इसकी ऊंचाई 20 फीट के आसपास है | इस कलाकृति के सम्बन्ध में बरेली के एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई जिसमें दीपमाला हॉस्पिटल डॉक्टर सोमेश मेहरोत्रा के साथ खुद आईगेर्स बिकसे मीडिया के सामने आये | इस मौके पर मूर्तिकार आइगेरस बिकसे ने बताया कि उन्होंने कोरोना काल में इस कलाकृति को इस उद्देश्य से बनाया कि डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के समपर्ण एवं उनके कार्यो की हौसला अफजाई हो सके | खासतौर पर महिला स्वास्थकर्मियों की | दुनिया को कोरोना योद्धाओं के महान त्याग के महत्व को समझाने के मकसद से इस मूर्ति को बरेली को स्थान्तरित किया है | यह नर्सिंग विद्यालय के छात्र छात्राओं के लिए हर किस्म की आपदा के लिए तैयार रहने की प्रेरणा देगा |
डॉक्टर सोमेश मेहरोत्रा ने आइगेरस बिकसे की प्रशंसा करते हुए कहा कि पहले तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ कि ऐसा हो सकता है | लेकिन जब उनके सहायक से इस सम्बन्ध में बात हुई तो पता चला कि वह यह कलाकृति बिल्कुल निशुलक देना चाहते है | उन्होंने यह भी कहा कि जून 2020 में जब पूरी दुनिया डरी हुई थी और पूरा यूरोप घरो में कैद था तब आईगेर्स बिकसे ने घर में कैद होने की बजाय इस कलाकृति को बनाया | उन्होंने यह भी बताया कि यह कलाकृति एक महिला डॉक्टर को देखकर बनाई गई थी जिसमें डॉक्टर के ख़ुशी के भाव दिखाई देते है | उन्हें उम्मीद है यह कलाकृति बरेली के लिए एक नया लेंडमार्क बनेगा |
कलाकृति का आईगेर्स बिकसे ने करा रखा कॉपीराइट
जानकारी के मुताबिक आईगेर्स बिकसे ने अपनी कलाकृति का कॉपीराइट रखा है | यह अपने आप में अनोखी मूर्ति है इसके साथ यह भी खास है लातविया गणराज्य में बनने के बाद भारी परेशानी के बाद भारत के एक छोटे से शहर बरेली में पहुंची है और 31 मार्च को लातविया गणराज्य के राजदूत खुद बरेली आकर इस मूर्ति का अनावरण करेंगे |