बरेली।जगतपति पालनहार भगवान विष्णु 10 जून रविवार को हरिशयनी एकादशी के दिन चार महीने विश्राम के लिए क्षीरसागर में चले जाएंगें सबसे खास बात तो यह कि हरिशयनी एकादशी के दिन सत्ताइस योगों सबसे ज्यादा पूजा पाठ के लिए महत्व रखने वाला शुभ नामक योग इसी दिन पड़ रहा है। जो कि बेहद ही शुभ सूचक है। दरअसल भगवान विष्णु के चार महीने विश्राम को चतुर्मास कहा जाता है। धर्म शास्त्रों के मुताबिक इन चार महीनों में मांगलिक कार्य वर्जित माने गए हैं। यानी, अब गृह प्रवेश, विवाह आदि मांगलिक कार्यों पर पूर्णता विराम लग जाएगा। हालांकि, इन दिनों लेन- देन, खरीदारी, निवेश आदि के लिए शुभ मुहूर्त रहेंगे।
चतुर्मास की शुरुआत हिंदू कैलेंडर के पांचवें महीने आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन से प्रारंभ होती है। और इस का सिलसिला कार्तिक शुक्ल पक्ष देव उठानी एकादशी तक रहता है। कुल मिलाकर इस बार यह चतुर्मास 10 जून से प्रारंभ होगा और 5 नवंबर तक चलेगा। माना जाता है भगवान के विश्राम काल के समय सृष्टि की जिम्मेदारी भगवान शिव पर आ जाती है। इस दौरान भगवान शिव ही सृष्टि का पालन करते है…