आचार्य मुकेश मिश्रा,
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। ऐसे में इस दिन घर के पूजा मंदिर में उत्तर-पूर्व दिशा में करना शुभ रहता है। माता के लिए पूजा-चौकी पर कलश स्थापित करें। सबसे पहले कलश रखने वाले स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें।इसके बाद लकड़ी की चौकी पर लाल रंग से स्वास्तिक बनाएं और उस पर कलश स्थापित करें। कलश में आम, बरगद, गूलर, पीपल, पाकड के पल्लव रखें।इसके बाद कलश को जल या गंगाजल से भरें। आप चाहें तो कलश में जल भरने के बाद भी पल्लव रख सकते हैं।
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कलश में एक सुपारी, कुछ सिक्के, दूर्वा, हल्दी की एक गांठ जरूर रखें।कलश के मुख पर एक नारियल लाल वस्त्र से लपेट कर रखें। संभव हो तो अक्षत से अष्टदल बनाकर उस पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें। अब माता को लाल रंग की चुनरी अर्पित करें। घटस्थापना के साथ ही अखंड दीप भी स्थापित किया जाता है। घटस्थापना करने के बाद मां शैलपुत्री का विधिवत पूजन करें।
दोनों हाथों में लाल पुष्प और चावल लेकर मां शैलपुत्री का ध्यान करें। मां शैलपुत्री का ध्यान करने के बाद फूल और चावल मां के चरणों में अर्पित कर दें। इस दिन मां शैलपुत्री के लिए जो भोग बनाएं उसमें गाय के घी का इस्तेमाल करें।