जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को एनआईए कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. अदालत ने टेरर फंडिंग के मामले में यह सजा सुनाई है. यासीन मलिक को दो मामलों में उम्रकैद की सजा के साथ ही साथ अन्य मामलों 10 साल की सजा दी गई है. कोर्ट के इस फैसले को मलिक ऊपरी अदालत में चुनौती नहीं दे पाएंगे.
इस सिलसिले में जानकारी देते हुए एडवोकेट उमेश शर्मा ने कहा कि इनको 2 उम्रकैद की सज़ा सुनाई है और 10-10 साल की 5 सजाएं हैं. कोर्ट ने जुमार्ना भी लगाया है अगर जुमार्ना नहीं देते हैं तो उसके बदले सज़ा मिलेगी. यह हाईकोर्ट में सिर्फ सज़ा के ख़िलाफ़ अपील कर सकते हैं, निर्णय के ख़िलाफ़ नहीं.
गौरतलब है कि यासीन मलिक पर आतंकवाद कानून, आतंकी फंडिंग, आतंकी साजिश रचने, आतंकी गिरोह का सदस्य, आपराधिक साजिश और धारा 124ए की धाराएं लगाई गई थी. बीते दिनों अलगाववादी नेता मोहम्मद यासीन मलिक ने टेरर फंडिंग केस में NIA कोर्ट में अपना गुनाह कबूल कर लिया था. जिसके बाद कोर्ट ने सजा का ऐलान किया है.