भाईचारे से मनाएं ईद-उल-फित्र, मस्जिद और मदरसों की हिफाजत के लिएं करें दुआः मौलाना मो0 कैफ रजा खाँ क़ादरी। अपनों के करीब लाता है ईद-उल-फित्र का त्योहार, नफरतों को भुला कर एक दूसरे से गले मिलेंः मौलाना मो0 कैफ रजा खाँ क़ादरी,
बरेली ।दरगाह उस्तादे जमन ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष नबीरा ए आलाहजरत मौलाना मो0 कैफ रजा खाँ क़ादरी ने देश वासियों को ईद की मुबारकबाद देते हुए बताया कि ईद-उल-फित्र मजहबे इस्लाम के प्रमुख त्योहारों में से एक है। ईद के दिन गुस्ल करना, नए धुले उम्दा कपड़े पहनना और खुशबू लगाना मुसतहब(पसंदीदा) है। ईद की नमाज से फारिग होकर मुसाफा करना और एक दूसरे से गले मिलकर खुशी जाहिर करना सेवइयां और खीर खिलाने का एक बेहतरीन रिवाज है।
अल्लाह के रसूल ईद-उल-फित्र की नमाज़ को जाने से पहले कुछ खजूरें खा कर जाया करते और ईदगाह के लिए एक रास्ते से जाया करते तो दूसरे रास्ते से वापिस आते। ईद के दिन अपनी तैयारियों के साथ-साथ अपने मोहल्ले बस्ती के ग़रीब लोगों का भी ख़्याल रखें और उनकी मदद करें। इस ईद पर एक दुसरे के दरमियाँ पनप रही ग़लत फहमियों और नफरतों को मिटा दें और शांतिपूर्वक खुलूस और मोहब्बत के साथ ईद का खुशियों भरा दिन मनाएं।
मौलाना ने कहा कि मुल्क में प्रतिदिन मुट्ठी भर शर पसंद असामाजिक तत्वों द्वारा मुसलमानों के खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं दंगाई हमारी मस्जिदों और मदरसों को निशाना बना रहे हैं। हमारी बहन बेटियों को साजिश के तहत भगवा लव ट्रैप में फंसा कर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। तमाम अमन पसंद हिंदुस्तानियों को मिलकर इन फिरका परस्त ताकतों के खिलाफ एक मुहिम चला कर इनकी नापाक कोशिशों को नाकाम करना होगा। ईद की नमाज़ के बाद मुसलमानों की जान माल और मस्जिद मदरसों की हिफाजत के लिए और मुल्क में अमन व शांति और तरक्की के लिएं दुआ करें।
मीडिया सेल
दरगाह उस्तादे ज़मन ट्रस्ट