बरेली। किला थाने के चर्चित मामले में साढ़े पांच साल बाद कोर्ट में चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने आज अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए दामाद को ससुर की हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कैद की सजा सुनाई है। 13 मार्च 2018 को दामाद फहीम ने अपने ससुर की पत्नी नहीं भेजने नाराज होकर हत्या कर दी थी। वादी मोहसिन अंसारी पुत्र रईस मिंया निवासी हुसैन बाग थाना किला ने (अपने पिता की हत्या कर देने के सम्बन्ध में थाना किला पर मुकदमा पंजीकृत कराया था। इस सम्बन्ध में ए०डी०जे०-05 कोर्ट बरेली ने गुरूवार को सनसनीखेज मामले में फैसला देते हुए अभियुक्त फईम पुत्र कबीर अहमद निवासी रेती चौराहा थाना किला को दोषसिद्ध करते हुए , धारा 302 में आजीवन कारावास व 25,000 हजार रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
यह था पूरा मामला
वर्ष 2018 में पत्नी को मायके से नहीं किये जाने से नाराज दामाद फहीम ने अपने ससुर की चाकू से ताबड़तोड़ प्रहार करके हत्या करने के बाद खुद को पुलिस के हवाले कर दिया था। तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) रोहित सिंह सजवाण ने बताया था कि शहर के हुसैनबाग निवासी मुहम्मद रईस मियां (64) ने अपनी बेटी सीमा का निकाह दिसम्बर 2010 में किला थाना क्षेत्र के बाकरगंज रेती मुहल्ला निवासी फहीम से किया था। बाद में उन्हें एक बेटा हुआ था।
शादी के कुछ वक्त बाद से ही घर में अक्सर झगड़ा होता था। इस पर सीमा ने वर्ष 2013 में फहीम पर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में दोनों के बीच सुलह तो हो गयी, लेकिन मुकदमा चलता रहा। वही फहीम का कहना था कि वह कई बार अपनी पत्नी को लेने अपनी ससुराल गया लेकिन ससुर रईस मियां ने सीमा को भेजने से मना कर दिया। सीमा भी वापस नहीं जाना चाहती थी। उसे अपने बेटे से भी नहीं मिलने नहीं दिया। जब उसने तलाक की बात कही तो रईस ने सीमा के लिये मकान खरीदकर देने की शर्त रखी, जिसे पूरा करना उसके वश की बात नहीं थी।