बरेली। सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी एवं कारोबार सहायता प्रदान करने हेतु ‘(प्रधानमंत्री सूक्ष्म उद्योग खाद्य उन्नयन योजना) पी.एम.एफ.एम.ई.’ उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के माध्यम से संचालित की जा रही है। यह जानकारी उप निदेशक उद्यान श्रीमती पूजा ने दी | उप निदेशक उद्यान पूजा ने कहा कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म उद्योग खाद्य उन्नयन योजना के अन्तर्गत आज से आई.वी.आर.आई. स्थित के.वी.के. संस्थान प्रथम तल, बरेली में एक सेमिनार का आयोजन किया जा रहा , जिसमें योजना के सम्बन्ध में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र से सम्बन्धित उत्पादों की विस्तृत जानकारी विषेशज्ञों द्वारा दी जा रही है | उन्होंने यह भी कहा कि सेमिनार में बरेली मण्डल के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के उद्यमियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा । उन्होंने कहा कि योजना का लाभ लेने हेतु मण्डल के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के उद्यमी/एफ.पी.ओ./स्वयं सहायता समूह/इच्छुक व्यक्ति आकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में फल एवं सब्जी, पुष्प, मसाले, औषधीय एवं सुगंध फसलें एवं मशरूम प्रसंस्करण तथा कृषि उत्पाद हेतु मिल्क पाउडर, शिशु दुग्ध आहार, माल्टेड मिल्क फूड, कन्डेंस्ड मिल्क, घी तथा अन्य डेयरी उत्पाद व खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए विशेषीकृत पैकिंग, रीफर व्हीकल्स/मोबाइल प्री-कूलिंग वैन होंगे। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत सूक्ष्म खाद्य उद्यमियों, एफपीओ, स्वयं सहायता समूहों एवं कोआपरेटिव तथा नवीन खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने हेतु इच्छुक उद्यमियों को लागत का अधिकतम 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। (अधिकतम सब्सिडी 10 लाख प्रति उद्यम)। उन्होंने कहा कि लाभार्थी का योगदान न्यूनतम 10 प्रतिशत होना चाहिए और शेष राशि बैंक से लाभार्थी को ऋण प्राप्त करना होगा। योजनान्तर्गत प्रोजेक्ट की लागत का 3 करोड़ रुपए तक निर्धारित हैं।