पीलीभीत | कांग्रेस विधानमंडल की नेता प्रति पक्ष रही इंदिरा इंद्रा हिर्देश का असल नाम इंदिरा पाठक है| वह यूपी के पीलीभीत के पूरनपुर तहसील के जमुनिया गांव की निवासी थी, उनके पिता टीकाराम और माता रमादेवी ने पीलीभीत शहर के गोपाल सिंह मोहल्ले में किराए के मकान में रहकर पीलीभीत राजकीय बालिका इंटर कॉलेज से कक्षा 06 से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई पीलीभीत की थी। वह अपने शुरूआती जीवन से मेधावी छात्रा होने के साथ एक कुशल वक्ता थी | इंद्रा हिर्देश की बचपन की सहेली रागिनी सिंह ने बताया कि इंद्रा हिर्देश पढ़ाई के मामले में बहुत अच्छी थी और उनकी आवाज बड़ी मधुर थी | उनका बोलने में कोई मुकाबला नहीं था |
वह हमेशा कॉलेज में आयोजित होने वाले सेमिनार और फंक्शन में वह सबसे पहले संबोधन किया करती थी | इंदिरा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की शिक्षक राजनीती से शुरुआत की थी बाद कांग्रेस का दामन थामकर कई बड़े पदों पर रही| इंद्रा की बचपन की सहेली रागिनी सिंह ने उनकी मौत पर दुःख जताते हुए अपना निजी नुकसान बताया , रागिनी सन 1956 में कॉलेज का समय का फोटो हाथ में लेकर उनकी याद में रो पड़ी |रागिनी सिंह ने भी बताया कि मेरी बचपन की सहेली रही इंद्रियां पढ़ने में काफी होशियार और अच्छे बोलने वाली थी , और इंद्रा ने मुझे और मेरे परिवार को बुरे समय में संभाला , खास कर जब उनके पति की मौत हो गई थी | जब वह राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त हुई तो इंद्रा उनसे पीलीभीत आकर आकर मिली , और वह अक्सर फोन पर बात करके उनके परिवार का हालचाल जाना करती थी |