भुवन भास्कर भगवान सूर्य देव गत 21 जून को मध्यान्ह काल 12:28 पर लंबवत हो गए हैं। वैसे तो सूर्यदेव हर वर्ष 21 जून को कर्क रेखा पर लंबवत होते हैं। और जिस समय सूर्य लंबवत होते हैं। उस समय कुछ देर के लिए कुछ स्थानों पर परछाई भी शून्य हो जाती है। लंबवत होने के समय इस खगोलीय घटना को शंकु यंत्र के द्वारा देखा भी जा सकता है। दरअसल इस दिन सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात होती है। सूर्योदय प्रातः 5:17 पर हुआ और सूर्यास्त शाम 7:11 पर हो गया इस प्रकार साल का सबसे बड़ा 13 घंटे 54 मिनट का दिन और रात 10 घंटे 06 मिनट की रही। अब सूर्य की गति भी दक्षिण दिशा में होगी।
इसे दक्षिणायन का प्रारंभ भी कहते हैं। इस दिन के बाद दिन धीरे-धीरे छोटे होना शुरू हो जाते हैं। कर्क रेखा उत्तरी गोलार्ध में खींची गई एक काल्पनिक रेखा है। भारत में कर्क रेखा गुजरात, राजस्थान मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्य से होकर निकलती है। गुजरात का अहमदाबाद ,मध्य प्रदेश का उज्जैन, भोपाल का जबलपुर शहडोल छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर झारखंड का रांची और पश्चिम बंगाल का हुगली और राजस्थान के बांसवाड़ा शहर से होकर यह रेखा गुजरती है। इस रेखा को कर्क रेखा कहते हैं।
-बड़ा दिन होने का यह है कारण21 जून को साल का सबसे लंबा दिन होने के पीछे कारण ये है कि 21 जून को सूर्य, पृथ्वी के नॉर्थ पोल मतलब उत्तरी गोलार्द्ध पर होता है इस कारण सूर्य की रोशनी भारत के बीचों-बीच गुजरने वाली कर्क रेखा पर सीधी पड़ती है। इस दिन सूर्य की किरणें अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा समय तक धरती पर रहती हैं। इसी कारण से इस दिन को साल का सबसे बड़ा दिन और रात छोटी होती है।
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