उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन आज सदन की कार्रवाई जैसे ही शुरू हुई समाजवादी पार्टी के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि थोड़ी देर बाद सरकार और विपक्ष के बीच सवाल जवाब का दौर शुरू हो गया। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया। उन्होने कहा की अगर सरकार के पास स्वास्थ्य सेवा के लिए बजट नहीं है तो इस बात को मुख्यमंत्री को स्वीकार कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा की सरकार सभी स्वास्थ्य सेवाओं को प्राइवेट हाथों में सौप देना चाहती है इस प्रकार से इलाज़ आम आदमी की पहुंच से दूर हो जाएगा। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने सपा सरकार के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में किए गए कार्यों का भी उल्लेख किया।
उनका कहना था की सरकार कहती है की स्टाफ नहीं है,अगर स्टाफ नहीं है तो उसकी भर्ती करो। आगे उन्होंने कहा की सरकार एक तरफ तो जनता को मुफ्त इलाज़ देने का दावा करती है वहीँ दूसरी तरफ हर तरह की जांचे प्राइवेट हाथों में सौप दे रही है। बात एम आर आई की हो या फिर सिटी स्कैन की हर चीज़ का पैसा वसूला जा रहा है। केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा की ऐसा कहा जाता है की दिल्ली वाले मदद नहीं करते। दिल्ली वालों को ये नहीं भूलना चाहिए की दिल्ली की सरकार यूपी से ही बनती है। इससे पहले आज सदन की कार्रवाही शुरू होते ही सपा विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी थी। हालांकि, हंगामे के कुछ देर बाद कार्यवाही शुरू हो गई।