बरेली | होली के अवसर पर निकलने वाली ऐतिहासिक राम बारात आज बड़ी धूमधाम से निकली | इस बारात में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के साथ आसपड़ोस जिले के लोग शामिल हुए | युवाओं ने रामबारात के दौरान जमकर रंग खेला और एक दूसरे को गले लगाकर होली के शुभकामनाएं दी | बरेली से निकलने वाली राम बारात के बारे मे कहा जाता है बरेली की रामबारात पूरे देश में होली के अवसर पर निकलने वाली एक मात्र रामबारात है | रामबारात निकलने की परम्परा करीब 162 वर्षों पुरानी बताई जाती है ।राम बारात पारम्परिक पूजा के साथ आज बमनपुरी से शुरू हो कर शहर के कई इलाको से निकली | राम बारात में लोगो ने जमकर रंग अबीर गुलाल की बर्षा की | राम बारात में प्रभु श्री राम की झांकी, भगवान नरसिंह की झांकी के सहित सैकड़ो खुले ट्रालो में बड़े बड़े ड्रमों में रंग भरकर रखा गया । सभी ट्रालो पर सैकड़ो हुरियारे थे जो बड़े बड़े पम्पो से एक दूसरे पर रंगों की बौछार कर रहे थे |
बरेली से निकलने वाली रामबारात को गंगा जमुनी तहजीब की रूप में देखा जाता है | रामबारात का हिन्दू ही नहीं मुस्लिम भी जगह जगह पर फूल बरसा कर स्वागत करते हैं| हालाँकि बरेली जिला उन शहरों में शुमार रखता है जहां की होली विरासत के रूप में पहचान रखती है | यही वजह है कि होली के मौके पर कई विदेशी भी होली को देखने के लिए हर वर्ष अपने करीबियों के साथ बरेली पहुंचते है | बरेली में होली के मौके पर दुनिया की ऐतिहासिक और इकलौती रामलीला होती है। इसकी शुरुआत ब्रिटिश काल मे 1861 में शुरू हुई थी तबसे यहां लगातार रामलीला हो रही है और फागुन की पूर्णिमा यानी छोटी होली वाले दिन राम बारात निकाली जाती है। जो शहर के विभिन्न इलाकों से होकर निकलती है |
इस दौरान पूरा शहर होली के रंगों में सराबोर हो जाता है | इस दौरान हुरयारे अपने मस्त अंदाज में दिखाई देते है | जानकारी के मुताबिक 2008 में यूनेस्को ने इस रामलीला को वर्ल्ड हैरिटेज की लिस्ट में शामिल किया था। 2015 में बरेली की होली वाली रामलीला को विश्व धरोहर घोषित किया गया। यूपी सरकार के संस्कृति विभाग की ओर से हर वर्ष होली वाली रामलीला के लिए एक लाख रुपये की सहायता भी दी जाती है।
रामबारात ,वमनपुरी शुरू होकर नरसिंह मंदिर पर होगी समाप्त बड़ी बमनपुरी से शुरू हुई राम बारात बिहारीपुर ढाल, कुतुबखाना घन्टाघर, नावेल्टी चौराहा, रोडवेज, बरेली कॉलेज, कालीबाड़ी, श्यामगंज, सिकलापुर, मठ की चौकी, कुतुबखाना, बड़ा बाजार, साहूकारा, किला, सिटी स्टेशन से डलाव वाली मठिया होती हुई बमनपुरी के नरसिंह मंदिर पर समाप्त होती है। राम बारात का दूसरा मोर्चा चाहबाई से निकलता है वह कुतुबखाना से मुख्य बारात में शामिल होता है। फिलहाल रामबारात सुरक्षा के साथ देरशाम को जाकर समाप्त होती है |
वरिष्ठ समाजसेवी जनार्दन आचार्य ने बताया कि पुरे दुनिया में बरेली का वमनपुरी ऐसा स्थान है जहां होली के मौके पर रामबारात निकाली जाती है | वमनपुरी के बारे में मान्यता यह है कि यहां कभी बड़े बड़े ब्राह्मण रहते थे और उनका मानना था इन्ही दिनों रावण मारा गया था | इस उपलक्ष्य में वमनपुरी में रामलीला का मंचन होता है और रामबारात निकाली जाती है | आज रामबारात को लगातार निकलते हुए 162 वर्ष हो चुके है |