बरेली। उर्स ए रज़वी के दूसरे दिन मुस्लिम स्कॉलरों ने धार्मिक , सामाजिक मामलों सहित आलाहजरत के जीवन पर प्रकाश डाला । इस मौके पर कारी सखावत मुरादाबादी ने अपनी तकरीर में कहा कि हिंदुस्तान में इस्लाम तलवार से नहीं बल्कि अजमेर के ख़्वाजा,बरेली के रज़ा और सूफी संतों के किरदार से फैला। कारी सखावत ने आगे यह भी कहा कि आला हज़रत की शोहरत फोटो,वीडियो या सोशल मीडिया से नही बल्कि उनके इलमी किरदार और उनकी 1300 किताबों से फैला।
उन्होंने हिदायत देते हुए कहा कि बेटी को अच्छा खिलाए अच्छा पहनाए अच्छी तालीम से लेकिन मोबाइल से बचाए। नौजवान सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल करे।मुफ्ती फैज़ रज़ा तंजानिया ने कहा कि आला हज़रत से एशिया ही के नही बल्कि यूरोप,अमेरिका और आस्ट्रेलिया के लोग भी फैज़ पा रहे है।मौलाना मुख्तार बहेडवी ने कहा कि आज मुसलमान लड़कियों के बहकने की बड़ी वजह उन्हें दीन से दूर रखना है। अपनी बेटियों को हमे बचाने की ज़रूरत है। उन्होंने मां बाप से अपने बच्चों खासकर बेटियों पर नज़र रखें ताकि उनके कदम न बहके।
उन्होंने यह भी कहा कि अंग्रेजों के दौर में आला हज़रत ने मुसलमानो से अंग्रेजों से दूर रहने और उनकी कोर्ट कचहरी जाने से बचने के साथ अंग्रेजों की नौकरियों छोड़ने की तहरीक चलाई। बता दें कि तीन रोजा उर्स में आलाहजरत साहब के चाहने वाले दुनियाभर से उनके मानने वाले पहुंच रहे है। शहर में बाजार में होने के साथ यहां के स्थानीयों व्यापारियों में अच्छा व्यापार होने से उनके चहरे पर खुशी साफ तौर पर देखी जा सकती है। यहां के जानकार बता रहे है कि उर्स के चलते शहर में कई करोड़ रुपये का व्यापार होने की संभावना है। सभी होटल्स फुल है।