बरेली : रमज़ान के आख़िरी जुमे में अपने रब की बारगाह में झुके हज़ारो सिरों नें नमाज़ अदा कर रमज़ान को अलविदा कहा। नमाज को लेकर शहर में कड़े सुरक्षा के इंतजाम किए गए। मस्जिदों में नमाजियों की अधिक भीड़ को देखते हुए मस्जिद कमेटी की ओर से खास इंतजाम किए गए। वही जगह -जगह पुलिस प्रशासन की मौजूदगी रही। शहर के तमाम मस्जिदों के बाहर फोर्स की कड़ी तैनाती की गई है। सभी मस्जिदों में शांति पूर्वक नमाज अदा की गई।
मुख्य नमाज़ किला जामा मस्जिद की मस्जिद में अदा की गई। जहां पर हजारों नमाजियों ने नमाज़ अदा कर देश की तरक्की और अमन चैन के लिए दुआएं मांगी । वही जामा मस्जिद कमेटी के सचिव डॉक्टर नफीस खान ने बताया नमाज़ियों की संख्या अधिक होने पर छत के अलावा आसपास के घरों में नमाज की व्यवस्था की गई।डेढ़ बजे शहर इमाम मुफ़्ती ख़ुर्शीद आलम ने पहले ख़ुत्बा पढ़ा इसके बाद नमाज़ अदा कराई। मौलाना नें खुतबे में रमज़ान की फजीलत व कुरान की अजमत और जकात व फितरा के बारे में बताया। आखिर में मुल्क व मिल्लत की खुशहाली की दुआ की। मीडिया प्रभारी नासिर क़ुरैशी ने बताया कि शहर में सबसे आखिर दरगाह आला हज़रत पर साढ़े तीन बजे नमाज़ अदा हुई।
यहां दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हानी मियां,सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन मियां समेत आला हज़रत परिवार के सभी लोगो ने नमाज़ अदा की। दरगाह ताजुशशरिया पर काज़ी ए हिंदुस्तान मुफ्ती असजद रज़ा खान(असजद मियां) ने नमाज़ अदा कराई। जमात के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां ने भी यहां नमाज़ अदा की। पीराशाह मस्जिद के इमाम मौलाना तौहीद रज़ा ने अपने खिताब में कहा कि जो शख्स रोज़ा न रखे उस पर भी सदक़ा ए फितरा वाजिब है। इसके लिए रोज़ा रखना शर्त नही। अगर ईद का दिन गुजर गया और सदक़ा ए फितरा अदा न किया तब भी सदक़ा ए फितर माफ नही हुआ बल्कि उम्र में जब भी अदा करे तो अदा हो जाएगा। वही ख़ानक़ाह-ए-नियाज़िया में सज्जादानशीन अल्हाज मेंहदी मियां ने नमाज़ अदा कराई।
इसके अलावा दरगाह शाहदाना वली,दरगाह शाह शराफत अली मियां,दरगाह वली मियां,दरगाह बशीर मियां,दरगाह तहसीनिया,ख़ानक़ाह-ए-वामिकिया,मस्