-भगवान कृष्ण को समर्पित होता है भादों का महीना
-1 सितंबर से 29 सितंबर तक रहेगी मास की अवधि
बरेली। शिव को समर्पित सावन और हरि को समर्पित अधिमास बीत चुका है। अब भाद्रपद में हरे कृष्णा की गूंज चहुंओर सुनाई देगी। सावन में शिव कृपा के बाद भादो के महीने में भगवान कृष्ण की कृपा की बारिश भक्तों पर होती है। इसलिए यह महीना भगवान कृष्ण के लिए समर्पित माना गया है। बता दे भद्र का अर्थ है कल्याणकारी परिणाम देने वाले व्रत का महीना। यह महीना व्रत उपवास नियम तथा निष्ठा समर्पण के लिए जाना जाता है। इसलिए इस महीने को मुक्ति का महीना भी कहते हैं।
इसी महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अवतरित हुए चितचोर का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। पालनहार के साथ ही सूर्योपासना के लिए भाद्रपद के रविवार का विशेष महत्व है। मान्यता है कि चार मास की निद्रा के दौरान भगवान विष्णु इसी महीने की अमावस्या को करवट बदलते हैं। यह माह ॠतु परिवर्तन का भी संदेश देता है। इसके उत्तरार्ध में मानसून भी समापन की ओर होता है। ओश की बूंदें शीत ॠतु के आगमन का एहसास करातीं हैं। इस महीने में कृष्ण जन्माष्टमी, राधा अष्टमी, कुशोत्पाटिनी अमावस्या, गणेश चतुर्थी, अजा एकादशी, पदमा एकादशी जैसे बड़े त्यौहार इसी महीने में मनाया जाते हैं। इसलिए इस माह का महत्व सर्वाधिक माना गया है।

भाद्रपद महीने के रविवार बहुत खास होते हैं। इस दौरान सूर्य की आराधना करने से आत्मविश्वास बढ़ता है, नौकरी-व्यापार में सफलता मिलती है। लिहाजा भादो के महीने के सभी रविवार को सूर्य को जल चढ़ाएं । और सूर्य के साथ भगवान विष्णु की आराधना करें इससे यश, वैभव, धन- संपदा में तीव्रता से वृद्धि होगी। पूजा पाठ करने वालों के लिए महीना मोक्षदायक माना जाता है निसंतान जातक इस माह हरिवंश पुराण का पाठ करते हैं। तो उन्हें शीघ्रता संतान की भी प्राप्ति होती है।
*भाद्रपद मास में न करें ये काम*
– भाद्रपद महीने में गुड़, दही और इनसे बनी चीजों का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। ऐसा करना धर्म संगत भी नहीं है और इस दौरान इन चीजों के सेवन से बीमारियां भी होती हैं।भादो के महीने में लहसुन-प्याज, नॉनवेज-शराब जैसी तामसिक चीजों का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करना जीवन में कई मुसीबतें लाता है। इसके उलट भाद्रपद मास में सादा जीवन जीना चाहिए और हो सके तो जमीन पर सोना चाहिए।इस महीने दान-पुण्य जरूर करें. वहीं दूसरों से कुछ चीजें मांगने से बचें। उदाहरण के लिए इस महीने दूसरों का दिया हुआ चावल न खाएं।