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धर्मशहर

इस बार कई शुभ संयोगो में सावन, रहेगा अत्यंत मंगलकारी

 

ज्योतिषाचार्य -पंडित मुकेश मिश्रा,
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बरेली। इस बार सावन 14 जुलाई गुरुवार से शुरु हो रहे हैं। 11 अगस्त रक्षाबंधन को श्रावण मास समाप्त हो जाएगा और भाद्रपद मास की शुरुआत हो जाएगी। सावन का महीना कई शुभ संयोगो को लेकर आ रहा है। दरअसल, चारों सोमवारों को कई दुर्लभ संयोग वन रहे हैं। इसलिए इस बार सावन में भोलेनाथ की भक्तों के ऊपर असीम कृपा की बारिश होगी। आषाढ़ मास वर्षा ऋतु का प्रारंभ होता है। इसी माह की शुक्ल पक्ष एकादशी से भगवान विष्णु चार महीनों के लिए शयन मुद्रा में चले जाते हैं। इन चार महीनों में सृष्टि की जिम्मेदारी भगवान भोलेनाथ संभालते हैं। चार माह अर्थात श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक होते है।

 

 

 

पौराणिक मान्यता के अनुसार देवी सती ने दूसरे जन्म में भगवान शिव को पति के रुप में पाने की इच्छा से निराहर रहकर सावन के महीने में घनघोर व्रत किया था। इसलिए इस महीने का विशेष महत्व है। बता दे, श्रावण शब्द श्रवण से बना है। जिसका अर्थ है सुनना अर्थात धर्म को समझना। इस महीने में सत्संग का बेहद ही महत्व है। इसी महीने मुरझाए प्रकृति भी पुनर्जन्म लेती है। प्रकृति की दिव्यता, सौन्दर्यता की अनुपम छटा कर निखार भी इसी महीने देखने को मिलता है। धार्मिक कथाओ के अनुसार सावन के सोमवार ही नहीं अपितु पूरे महीने व्रत रखा जाता है। हिंदू धर्म में श्रावण को पवित्र और व्रत रखने वाला माह बताया गया है। हो सके तो इस महीने मे निराहारी या फलाहारी व्रत रखना चाहिए।

चारों सोमवार को यह रहेंगे शुभ सयोग

1-सावन का पहला सोमवार
सावन के महीने का पहला सोमवार 18 जुलाई को शोभन योग में पड़ेगा जो कि वेहद ऊर्जा कारक संयोग माना गया है। इस दिन नाग पंचमी भी होगी। यानी सावन के पहले सोमवार भगवान शिव के साथ उनके नागों की भी पूजा होगी। यह एक शुभ संयोग है।

2-सावन का दूसरा सोमवार 25 जुलाई को पड़ेगा. इस दिन प्रदोष भी रहेगा। इसके अलावा, इस तिथि को सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत योग और ध्रुव योग का निर्माण भी होगा।

3-श्रावण मास का तीसरा सोमवार 1 अगस्त को होगा। इस दिन वरद चतुर्थी का संयोग बन रहा है. यानी भगवान शिव के साथ पुत्र गणेश की भी पूजा होगी। इस दिन दूर्वा गणपति की पूजा की जाएगी। इसके अलावा, तीसरे सोमवार को रवि योग का निर्माण भी होगा

4-सावन का चौथा सोमवार 8 अगस्त को पड़ेगा। पूर्णिमा की गणना के हिसाब से व्रत रखने वालों के लिए यह सावन का आखिरी सोमवार होगा। सावन के चौथे सोमवार एकादशी का व्रत भी रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव के साथ विष्णु जी की भी पूजा की जाएगी।

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