बरेली। देश में अपनी मर्जी से सभी को शादी करने का कानून ने अधिकार दिया है। लेकिन जब दो धर्म के लोग शादी के बंधन में बंधना चाहते तो समाज के कुछ ठेकेदार लाममंद हो जाते । हर कोई अपने हिसाब से शादी के खिलाफ हो जाते है। अपने एतराज करें तो ठीक है लेकिन पराई शादी में कुछ लोग बेगानी शादी में अब्दुला बेगाना कहावत के ठीक उलट शामिल हो जाते है।यह भी जानते हुए कि कानून देश में सर्वोच्च है। हालांकि देश मे इनदिनों लवजिहाद की आंधी आई हुई है। जिसमें कुछ केस तो हकीकत के पास है तो कुछ सच्चाई से काफी दूर है।
दरसल मामला यह है कि शहर के एक थाने में तैनात महिला दरोगा की ओर से बहेड़ी के एक गैर मजहब के युवक से शादी करने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल करने के बाद बरेली से मेरठ तक हलचल मची हुई है। दरोगा के भाई ने एसडीएम सदर को शिकायत देकर इस शादी पर आपत्ति जताई है। दरोगा के गृह जनपद मेरठ में भी उसके परिवार वालों ने गांव के प्रधान के साथ थाने जाकर पुलिस से शादी रुकवाने की मांग की है। वही परिवार ने इस बात का हवाला दिया है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।
कोर्ट में शादी के लिए किया आवेदन
महिला दरोगा काफी समय से बरेली जिले में है। उसकी तैनाती शहर के एक थाने में है। जिले के एक थाने मे तैनाती के दौरान उसकी महिला दरोगा से जान पहचान हो गई। जो कि प्रेम प्रसंग तक जा पहुंची। कुछ दिन पहले उसने बहेड़ी के एक युवक के साथ कोर्ट मैरिज करने के लिए एसडीएम सदर के न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी।इरादा परिवार वालों की मर्जी के बगैर गुपचुप शादी करने का था लेकिन उसके भाई को इसकी भनक लगी तो वह शुक्रवार को बरेली पहुंच गया। उसने एसडीएम सदर को प्रार्थना पत्र देकर आपत्ति करते हुए कोर्ट मैरिज की अनुमति न देने की मांग की है।
युवक किराए पर गाड़ी देने का करता है काम,
मुस्लिम युवक किराए पर कार चलवाता है। कहा यह भी जाता है कि बहेडी थाने में जो भी नया कोतवाल आते है उसी की कार किराए पर ले जाते है। जिस वजह से उसकी पुलिस में अच्छी जान पहचान हो गई थी। थाने में ज्यादा आने जाने से उसकी महिला दरोगा से पहचान हो गई थी जिसके बाद दोनों ने कोर्ट मैरिज की अर्जी लगाई। कार चलवाने वाले युवक की कार थाने और महिला चौकी में पूरे रुतबे के साथ खड़ी होती थी।