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बहनों ने भाइयों के हाथ पर रक्षासूत्र बांधकर  दीर्धायु की कामना , भाइयों ने बहनों को दिए उपहार 

 बरेली।  भाई -बहन के प्यार का पर्व रक्षाबंधन शहर में बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है। शादी शुदा बहनें सुबह से अपने भाइयों के घर जाने के लिए आतुर दिखी वही कुछ बहनें अपने भाइयों के घर बीते दिन ही पहुंच गई।  सुबह होते ही भाइयों के हाथों पर राखी बांधने का सिलसिला शुरू हो गया।  भाइयों ने अपनी अपनी बहनों के प्रति प्रेम दिखाते हुए ना केवल उनकी रक्षा का वचन दिया बल्कि उपहार देकर वर्षो से चली आ रही परम्परा को भी निभाया। भाइयों के हाथ पर राखी बांधने का यह सिलसिला देर शाम तक पहुंचने की उम्मीद है। वही बहनें अपने भाइयों के घर जाने के लिए वाहनों के इंतजार में खड़ी दिखाई दी हालांकि परिवहन विभाग ने रक्षाबंधन को लेकर खास तैयारी की है ताकि किसी को भी कोई दिक्कत नहीं हो :
दो दिन मनाया जा रहा है रक्षाबंधन 
रक्षा बंधन का त्योहार प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। और इस बार पूर्णिमा का मान  दो दिन का है। बीते बृहस्पतिवार को पूर्णिमा 10:34 से प्रारंभ हो गई जिस कारण कुछ लोगों ने बीते  बृहस्पतिवार में ही त्योहार  मना लिया। लेकिन वही उदया तिथि शुभ मुहूर्त  अनुसार अधिकांश लोग शुक्रवार को भी रक्षाबंधन का पावन पर्व  मना रहे है। दरअसल रक्षाबंधन हिन्दुओ का सबसे बड़ा त्योहार है। इस  दिन बहन भाई की कलाई में राखी बांधती है।यह त्यौहार भाई- बहन के प्रेम का प्रतीक है। बहन अपने भाई के दीर्घायु तथा तथा सुख समृद्धि की कामना करती है।भाई उनकी रक्षा का कामना करते है।बहन अपने भाई के राखी बाँधने के बाद ढेरो सारे  उपहार देते है।

शुक्रवार की मान्यता इसलिए है ज्यादा
12 अगस्त को प्रातः 7:05  बजे तक पूर्णिमा है उसके पश्चात प्रतिपदा आएगी। लेकिन इस बार प्रतिपदा तिथि क्षय है और शास्त्रों के जो तिथि क्षय होती है  वह निर्बल हो जाती है यानी कि प्रभावहीन मानी जाती है।  उदया तिथि की प्रधानता विशेष त्योहारों में मानी गई है उदया तिथि और प्रतिपदा क्षय होने के कारण अधिकांश लोग 12 अगस्त यानी आज ही रक्षाबंधन बनाएंगे।

यह रहेंगे शुभ मुहूर्त और शुभ संयोग:

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक  शुक्रवार को धनिष्ठा नक्षत्र रात्रि 12:00 बजे के बाद तक रहेगा । जिससे इस दिन धाता और सौभाग्य योग बन रहा है ।जो बहन भाइयों के प्रेम को बढ़ाने वाला और उत्साहवर्धक होता है।

शुभ मुहूर्त-
प्रातः काल 6:12 से 8:30 तक सिंह लग्न रहेगा जो स्थिर लग्न होता है।
(10:30 से 12:00) तक राहुकाल है उसका त्याग करना चाहिए।)
दोपहर 1:06मिनट  दोपहर से 3:24मिनट तक वृश्चिक लग्न भी श्रेष्ठ है यह भी स्थिर लग्न होता है।
इसके पश्चात 3::24 मिनट दोपहर  से रात्रि 07:10 मिनट तक कभी भी राखी बांध सकते हैं ।

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