बरेली।रक्षा बंधन का त्योहार प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। और इस बार पूर्णिमा का मान दो दिन का है। गत बृहस्पतिवार को पूर्णिमा 10:34 से प्रारंभ हो गई जिस कारण कुछ लोगों ने गत दिवस बृहस्पतिवार में ही त्यौहार मना लिया। लेकिन वही उदया तिथि शुभ मुहूर्त अनुसार अधिकांश लोग शुक्रवार को भी रक्षाबंधन का पावन पर्व मनाएंगे। दरअसल रक्षाबंधन हिन्दुओ का सबसे बड़ा त्योहार है। इस दिन बहन भाई की कलाई में राखी बांधती है।यह त्योहार भाई- बहन के प्रेम का प्रतिक है। बहन अपने भाई के दीर्घायु तथा तथा सुख समृद्धि की कामना करती है।भाई उनकी रक्षा का कामना करते है।बहन अपने भाई के राखी बाँधने के बाद ढेरो सारे उपहार देते है।
शुक्रवार की मान्यता इसलिए ज्यादा
12 अगस्त को प्रातः 7:05 बजे तक पूर्णिमा है उसके पश्चात प्रतिपदा आएगी। लेकिन इस बार प्रतिपदा तिथि क्षय है और शास्त्रों के जो तिथि क्षय होती है वह निर्बल हो जाती है यानी कि प्रभावहीन मानी जाती है। उदया तिथि की प्रधानता विशेष त्योहारों में मानी गई है उदया तिथि और प्रतिपदा क्षय होने के कारण अधिकांश लोग 12 अगस्त यानी आज ही रक्षाबंधन बनाएंगे।
यह रहेंगे शुभ मुहूर्त और शुभ संयोग
शुक्रवार को धनिष्ठा नक्षत्र रात्रि 12:00 बजे के बाद तक रहेगा । जिससे इस दिन धाता और सौभाग्य योग बन रहा है ।जो बहन भाइयों के प्रेम को बढ़ाने वाला और उत्साहवर्धक होता है।
शुभ मुहूर्त-
प्रातः काल 6:12 से 8:30 तक सिंह लग्न रहेगा जो स्थिर लग्न होता है।
(10:30 से 12:00) तक राहुकाल है उसका त्याग करना चाहिए।)
दोपहर 1:06मिनट दोपहर से 3:24मिनट तक वृश्चिक लग्न भी श्रेष्ठ है यह भी स्थिर लग्न होता है।
इसके पश्चात 3::24 मिनट दोपहर से रात्रि 07:10 मिनट तक कभी भी राखी बांध सकते हैं ।