News Vox India
नेशनलयूपी टॉप न्यूज़शहर

रोबोटिक गुर्दा प्रत्यारोपण अधिक कारगर, खून और ऊतकों को नहीं पहुंचता नुकसान,

 

नई दिल्ली। चिकित्सा क्षेत्र में गुर्दा प्रत्यारोपण में रोबोटिक तकनीक एक बड़ी भूमिका निभा रही है। इसकी मदद से जटिल से जटिल ऑपरेशन बेहद सरलता से किये जा रहे हैं और यह पूर्व में किये गये ऑपरेशन के मुकाबले अधिक सटीक हैं। जे के समूह के समर्थन वाला पुष्पावती सिंघानिया रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीएसआरआई अस्पताल) के मूत्र विज्ञान एवं गुर्दा प्रत्यारोपण विभाग के प्रमुख डॉ पी.पी. सिंह ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से हमारे अस्पताल में रोबोटिक तकनीक की मदद से गुर्दा प्रत्यारोपण किया जा रहा है, जो पुराने तरीके से सरल और अत्यधिक कारगार है। रोबोट मानवीय हाथों के मुकाबले अधिक सटीक हैं और इसमें खून और ऊतकों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता है। इस तकनीक की मदद से की जा रही सर्जरी में मरीज जल्दी स्वस्थ होता है। उन्होंने कहा कि इस तकनीक में डॉक्टर सीधे तौर पर रोबोट से जुड़ा होता है जिसमें रोबोट के हाथ उस प्रकार से कार्य करते हैं जैसे डॉक्टर अपने हाथों से ऑपरेशन करता है।

Advertisement

 

 

इसकी खास बात यह है कि जहां चिकित्सक का हाथ सिर्फ एक तरफ 180 डिग्री तक घूमता है, रोबोट का हाथ दोनों तरफ 360 डिग्री तक घूम सकता है जो बेहद सरलता से जटिल ऑपरेशन में लाभदायक है। इस तकनीक का उपयोग गुर्दा प्रत्यारोपण, गुर्दे के कैंसर, मूत्राशय कैंसर आदि में किया जा रहा है। डॉ सिंह ने कहा कि उनके अस्पताल का गुर्दा प्रत्यारोपण में बेहद अच्छा रिकॉर्ड है, जिसमें गुर्दा देने वाले और गुर्दा प्राप्त करने वाले व्यक्तियों की छुट्टी एक सप्ताह में हो जाती है। प्रत्यारोपण में गुर्दा देने वाले व्यक्ति के लिए छोटी और लंबी अवधि के लिए किसी भी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। यह प्रक्रिया पूर्ण रूप से सुरक्षित है। चिकित्सा क्षेत्र में हर दिन आ रही नयी तकनीक से मरीज का इलाज सही तरीके और सरलता से किया जा रहा है। इलाज में तकनीक एक वरदान साबित हो रही है। पीएसआरआई अस्पताल में मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में विभिन्न चिकित्सकों ने अपनी-अपनी राय रखी जिसमें मंकीपॉक्स पर पूछे गए सवाल पर रीनल साइंस के प्रमुख डॉ संजीव सक्सेना ने कहा कि मंकीपॉक्स से ज्यादा घबराने की आवश्यकता नहीं है।

 

 

यह कोरोना वायरस की तरह नहीं फैलेगा क्योंकि इसमें त्वचा से त्वचा का संपर्क होना आवश्यक है जिसमें संक्रमित मरीज की त्वचा पर पॉक्स के लक्षण होने चाहिए। केवल वायरस के संपर्क में आए व्यक्ति से मिलने पर यह नहीं फैलेगा। भविष्य में इसकी मृत्यु दर भी बेहद कम रहने की संभावना है। गहन देखभाल के उपाध्यक्ष डॉ अनुराग महाजन ने कोविड के दौर पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, “ कोविड ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। उस वक्त जब महामारी आयी हम मरीजों के लिए तत्परता से समर्पित होते हुए कार्य किया। ग्रीन कॉरिडोर बनाए अपने स्टाफ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मरीजों का उपचार करना था। हमारे नये डॉक्टर बिना घड़ी की सुई देखे कार्य किया। उस वक्त हम एक दूसरे से जुड़े और एक-दूसरे के प्रति कार्य किया। हम कोविड से अस्पताल में ही नहीं घर पर भी लड़ रहे थे। घर में बीमार या संक्रमित होने के बावजूद हमने अस्पतालों में सेवा की। कोविड ने हमें एकजुट होते हुए कोविड से लड़ना सिखाया।

Related posts

Kanpur News:मुझे खुशी है कि मेरे निमंत्रण पर प्रधानमंत्री जी मेरे पैतृक गांव पधारे- राष्ट्रपति कोविंद

newsvoxindia

पूर्व सीएम मायावती का बसपा कार्यकर्ताओं ने सादगी से  मनाया जन्मदिन, 

newsvoxindia

छात्र -छात्राएं आगे बढ़े तरक्की करें लेकिन आपने मां बाप को न भूलें  : गवर्नर आनंदीबेन  

newsvoxindia

Leave a Comment