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बरेली : डॉक्टर राजीव सक्सेना के  निशाने के आगे शर्मीली हुई चित 

बरेली | फतेहगंज पश्चिमी में लंबे समय चल रहा बाघिन पकड़ने का अभियान  आखिरकार शुक्रवार को सफल हो गया है। शुक्रवार को करीब 12 बजे वनविभाग की टीम ने बाघिन को ट्रंकुलाइजर   किया। इस अभियान में उत्तराखंड के साथ यूपी की कई टीम भी लगी थी। लेकिन सही मामले मिस बाघिन को पकड़ने का श्रेय डॉक्टर राजीव सक्सेना को गया | डॉक्टर राजीव सक्सेना पीलीभीत के टाइगर रिजर्व में तैनात है | डॉक्टर राजीव ने  रबर फैक्ट्री के जंगल में छिपी खूंखार बाघिन शर्मीली  को ढूंढ निकाला और सटीक निशाना लगाकर बाघिन को ट्रेंकुलाइज किया | डॉक्टर राजीव सक्सेना ने बताया कि वह पीलीभीत टाइगर रिजर्व में तैनात है | अब तक वह इस तरह 12 -से 14 अभियान कर चुके है | बरेली में छिपी बाघिन को ट्रेंकुलाइज करना इसलिए मुश्किल था क्यूँकि वह  कंजस्टिड एरिया में थी  | बाघिन को  टैंक में ट्रंकुलाइजर  किया गया  और टैंक से निकालने के लिए टैंक को काटा गया उसके बाद उसे निकाला गया | 

पीलीभीत के जंगल से बाघिन पहुंची थी बरेली 

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 मार्च- 2020 से फतेहगंज पश्चिमी की रबर फैक्ट्री में बाघिन ने अपना बसेरा बनाया हुआ था।बाघिन ने मीरगंज क्षेत्र में  दो किसानों पर हमला करके उन्हें भी घायल कर दिया था | शुक्रवार को वन विभाग की टीम ने टैंक के आगे पिंजरा लगाकर उसे बंद किया था |  शुक्रवार को बाघिन को पीलीभीत से आई टीम ने  उसे ट्रैंकुलाइज किया ।

बरेली : डॉक्टर राजीव सक्सेना के  निशाने के आगे शर्मीली हुई चित 

बाघिन के शिकार से बचा लकी पड्डा 

बाघिन ऑपरेशन के लिए फैक्ट्री परिसर में एक पड्डा कई दिनों से पड्डा बंधा रहा है | लेकिन पड्डे की किस्मत इतनी अच्छी थी बाघिन ने उसे अपना शिकार नहीं बनाया | जिसने भी पड्डे को देखा किस्मत की तारीफ की | बैसे वनविभाग ने बाघिन को फांसने के लिए कई शिकार बांधे थे जिसमें से बाघिन ने एक दो ही शिकार को अपना शिकार बनाया 

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