आज भी प्रासंगिक हैं कबीर : कुलपति प्रो. के पी सिंह
Advertisement
बरेली। सत्य, प्रेम, करुणा को लेकर कबीर के विचार आज से 600 वर्ष पूर्व भी प्रासंगिक थे आज भी प्रासंगिक हैं। यह बात एमजेपी रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो केपी सिंह ने कवीर विमर्श के विविध आयाम से आयोजित कार्यक्रम में कही। यह कार्यक्रम यूनिवर्सिटी में दर्शनशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. ओ. पी. राय, प्राचार्य, बरेली कॉलेज ने कई दृष्टांत देते हुए कबीर विमर्श को रेखांकित किया। मुख्य वक्ता प्रो श्रद्धा सिंह, बी.एच. यू ने कबीर के दार्शनिक पक्ष को रेखांकित किया ।
प्रो. नलिनी श्रीवास्तव ने कबीर की शिक्षा पर बल दिया। उद्घाटन-सत्र में संयोजक प्रो. रज्जन कुमार ने कार्यक्रम की पीठिका प्रस्तुत की। सत्र की अध्यक्षता प्रो. के. पी. सिंह ने एवं सरस संचालन बी. एस. एम. कॉलेज, रुड़की की संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. सुनीता कुमारी ने किया। वाराणसी से आए ताना बाना संगीत ग्रुप ने सुमधुर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रणव शास्त्री ने किया , समापन सत्र की अध्यक्षता महन्त गोविन्द दास ने की ।
वही विशिष्ट वक्ता प्रो. अनुराग कुमार डॉ. भगीरथ दास, प्रो. आर. के. गुप्ता ने समारोह की भूरि-भूरि प्रशंसा की तथा ऐसे आयोजनों को समाज के लिए सार्थक बताया। संगोष्ठी में डॉ. ए. के. सिंह, डॉ. सविता उपाध्याय, डॉ. श्यामपाल मौर्य, डॉ. ए.सी. त्रिपाठी, प्रो. आर. के. गुप्ता, प्रो.डॉ. अजय त्रिवेदी, प्रो सुधीर कुमार वर्मा, प्रो. तुलिका सक्सेना, डॉ. त्रिलोचन शर्मा, प्रो. जे.एल. मौर्य, डॉ. आलोक श्रीवास्तव, आशुतोष प्रिय ,डॉ. सुरेश कुमार, प्रो. विजय बहादुर यादव, प्रो.पवन सिहं ,डॉक्टर आशा गुप्ता, ,डॉ. प्रीति पाठक, डॉक्टर कनक लता सिंह का विशेष सहयोग रहा।