यूपी के रामपुर जिला अस्पताल में उस समय हड़कंप मच गया जब एक बीमार व्यक्ति ने तीसरी मंजिल पर स्थित वार्ड की खिड़की से कूदकर आत्महत्या कर ली| चर्चा है की व्यक्ति लावारिस था और उसे सीआरपीएफ के निकट से 108 एंबुलेंस के जरिए उपचार के लिए अस्पताल लाया गया था लेकिन उसको पहले इमरजेंसी में एडमिट किया गया फिर उसके बाद अस्पताल की तीसरी मंजिल पर स्थित वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया शायद वह इसी बात से क्षुब्ध हो गया और उसने स्वयं ही आत्महत्या की घटना को अंजाम दिया|
हालांकि यह बात अलग है की इस घटना के पीछे का कारण क्या रहा है लेकिन चारों ओर चर्चा इसी बात की है अस्पताल कर्मियों की लापरवाही के चलते वह शख्स ने ऐसा दिल दहलाने वाला कदम उठाया है| घटना के बाद से जाँच शुरू हो चुकी है और जांच के बाद ही पता चल पाएगा मरीज के आत्महत्या करने के पीछे कारण क्या था।सीएमएस रामपुर एचके मित्रा के मुताबिक एक अज्ञात मरीज जिसे 108 एंबुलेंस सीआरपीएफ गेट से लेकर आई थी वह बहकी बहकी बातें कर रहा था हमने इलाज के लिए तुरंत उसको नीचे एम एलसीवार्ड में भर्ती किया|
एलसी वार्ड में उसने कुछ मरीजों के साथ बदतमीजी की स्टाफ को लगा कि उसे एक वार्ड में भेज दिया जाए ऊपर एक अज्ञात वार्ड है उस में शिफ्ट कर रहे थे और शिफ्ट करने के बाद उसकी फाइल लेकर असिस्टेंट को बताने गए तब तक उसने खिड़की से छलांग लगा दी।यह पहले जब जाली लगवाई गई थी हमारे से पहले किसी ने पहले से लगी नहीं थी मैंने मौखिक रूप से ठेकेदार को अवगत करा दिया था कि इसमें जाली लगवा दी जाए मैं जल्दी ही इसमें जाली लगवा दूंगा।
तीसरी मंजिल पर इसलिए क्योंकि वहां पर एक अलग से वार्ड है स्टाफ ऊपर भी वहां रहता है इसलिए उसको वहां भेजा गया था ये था कि ऐसा नहीं लगा था कि वह दिमागी तौर से ऐसा कर लेगा क्योंकि यहां पर ऐसा आया था जैसे कि उसका एक्सीडेंट हुआ है इस तरह से उसे प्रोजेक्ट किया गया था यही लगा था कि उसका एक्सीडेंट हुआ होगा।कमी तो हम किसी की क्या ही कह सकते हैं यही कह सकते हैं कि जिस को एकदम छलांग लगानी हो तो किसी को रोक नहीं सकते।