मुज्जसिम खान ,
रामपुर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान कानूनी शिकंजे में फंसते चले गए उन पर 100 से अधिक मामले दर्ज हुए जिनमें सरकारी चकरोड ग्राम समाज की जमीन कब्जाने सहित शत्रु संपत्ति हथियाने तक के मुकदमे शामिल हैं | आजम खान पिछले 2 वर्षों से अधिक समय से सीतापुर की जेल में बंद है इन्हीं में से शत्रु संपत्ति हथियाने से जुड़े एक मामले में हाईकोर्ट ने जमानत को लेकर फैसला सुरक्षित कर रखा था जिसमें अब उन्हें जमानत मिल चुकी है।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री हुआ करते थे उनकी सियासी हनक इतनी थी कि बड़े-बड़े आईएएस आईपीएस अफसरों के चेहरे पसीने में नहा जाया करते थे जब वर्ष 2006 आया तो उन्होंने तहसील सदर रामपुर स्थित सीगनखेड़ा गांव के निकट अपने ड्रीम प्रोजेक्ट मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की नीव रखी थी उनकी इस यूनिवर्सिटी का पहला पत्थर तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने शिलान्यास के तौर पर रखा था सरकार पूरे शबाब पर थी और यूनिवर्सिटी का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा था लेकिन जब सूबे में सत्ता परिवर्तन हुआ और मायावती मुख्यमंत्री कुर्सी पर काबिज हुई तो यूनिवर्सिटी के आसपास के कुछ किसानों ने आवाज उठाई आरोप लगा की आजम खान ने अपने रसूख के चलते उनकी काश्त की जमीनों को उनकी बिना मर्जी से यूनिवर्सिटी में शामिल कर लिया है।
यह मामला काफी सुर्खियों में रहा लेकिन धीरे-धीरे वक्त बीता और एक बार फिर से सपा की सरकार आई और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने इस दौरान जौहर यूनिवर्सिटी ने आजम खान की कयादत में बुलंदियों को छुआ किसानों की आवाजे दबी रही और फिर 2017 के विधानसभा चुनावों के बाद एक बार फिर से सत्ता परिवर्तन हुआ तब जाकर जमीनों से जुड़े कई ऐसे राज निकल कर सामने आए जिनसे रामपुर की स्थानीय जनता अनजान थी। जब आजम खान पर मुकदमे दर्ज कराए जाने का सिलसिला शुरू हुआ था तब जाकर पता चला कि उन्होंने अपने रसूख के चलते जौहर यूनिवर्सिटी मैं सरकारी चकरोड ग्राम समाज की भूमि किसानों की भूमि वक्फ बोर्ड की संपत्ति के साथ ही शत्रु संपत्ति भी कब्जा रखी थी बहरहाल उन पर 100 से अधिक मामले दर्ज हुए और एक दिन वह आया जब आजम खान को 26 फरवरी 2020 को रामपुर की अदालत में हाजिरी के बाद पत्नी व बेटे के साथ रामपुर की जेल में भेज दिया गया और फिर तड़के ही उन्हें सीतापुर की जेल के लिए रवाना कर दिया गया |
आजम खान की पत्नी एवं बेटा जमानत पर जेल से बाहर आ चुके हैं लेकिन वह अब भी जेल में ही बंद है उनकी सभी मामलों में स्थानीय अदालत हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट से जमानत हो चुकी है बस उन पर शत्रु संपत्ति से जुड़े एक मामले की जमानत में हाई कोर्ट से फैसला आना था जो आप उनके पक्ष में आ चुका है उनको इस मामले में भी जमानत मिल चुकी है। आजम खान पर आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तान जाकर शिफ्ट हो चुके इमामुद्दीन कुरैशी नाम के एक व्यक्ति की लगभग ढाई सौ बीघा जमीन को अपने मंत्री रहते समय जौहर यूनिवर्सिटी में हेराफेरी करने के बाद शामिल कर लिया था यह जमीन इमामुद्दीन कुरैशी के पाकिस्तान में जाने के बाद शत्रु संपत्ति घोषित हो चुकी थी इसी का फायदा उनके द्वारा उठाया गया और इस पर अपना कब्जा जमा लिया गया इसी सिलसिले में आजम खान पर वर्ष 2019 में मुकदमा दर्ज हुआ था जिस पर अब हाईकोर्ट में जमानत दे दी है।