News Vox India
धर्मनेशनलशहरस्पेशल स्टोरी

मंगलकारी संयोगों में शिवरात्रि आज, बरसेगी कृपा की फुहार,

 

15 जुलाई को शिवरात्रि, शिवार्चन से समस्त ग्रह बाधा होगी शांति

Advertisement
,

भगवान शिव के साथ मिलेगा शनिदेव का भी आशीर्वाद,

बरेली। सावन की रिमझिम बारिश के साथ देवाधिदेव महादेव की कृपा की फुहार भक्तों पर खूब बरस रही है। वही सावन की शिव तेरस को उत्सव के रूप में देखा जा रहा है। इस दिन मंदिरों में भी शिव भक्तों की अपार भीड़ उमड़ेगी।ज्योतिष के अनुसार 14 जुलाई की रात्रि 7:16 से त्रयोदशी तिथि का शुभारंभ होगा, और 15 जुलाई की रात्रि 8: 36 मिनट तक यह तिथि व्याप्त रहेगी। उपरांत चतुर्दशी तिथि लग जाएगी। त्रियोदशी और चतुर्दशी का मिलन 15 जुलाई शनिवार को हो रहा है।

 

 

ऐसे में शिवरात्रि का महापर्व शनिवार में ही मनाया जाएगा। इस बार यह शिवरात्रि का पर्व कई शुभ संयोगों को संजोए हुए हैं। जिस कारण इस पर्व का महत्व कई गुना अधिक बढ़ गया है। क्योंकि इस दिन ध्रुव और वृद्धि योग का संयोग रहेगा। जिस कारण इस दिन भगवान शिव की पूजा का फल भी कई गुना अधिक मिलेगा। क्योंकि, यह संयोग सभी मनोरथों को पूर्ण करने वाला हैं। किसी भी कार्य के लिए यह योग सिद्धदायक माने जाते हैं। साथ ही शनिवार दिन का होना बेहद ही लाभदायक है। क्योंकि भोलेनाथ के साथ शनि देव की भी कृपा भक्तों को प्राप्त होगी।

 

 

वैसे तो हर महीने दो शिवरात्रि आती हैं लेकिन सावन की शिवरात्रि का अपना अलग ही महत्व माना गया है। इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक पूजन- अर्चन रुद्राभिषेक और श्रृंगार करने से सुख- समृद्धि में वृद्धि होगी। और समस्त ग्रह बाधा शांत होगी। पुराणो के अनुसार जो व्यक्ति ग्रह बाधा से पीड़ित है। अथवा रोगों से ग्रसित है। व्यापार में हानि हो रही हो। घर में क्लेश हो तो ऐसे जातकों को शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक, जप, शिव स्तोत्र, का पाठ विशेष लाभदायक रहता है। इसलिए इस दिन पूजा अवश्य ही करनी चाहिए।ऐसा करने से समस्त दुख दूर होंगे और मनोरथ भी शीघ्र पूर्ण होंगे।

ज्योतिषाचार्य पंडित मुकेश मिश्रा

 

*शिवरात्रि पूजा विधि*
मासिक शिवरात्रि के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा भी करनी चाहिए। शिव जी के समक्ष पूजा स्थान में दीप प्रज्वलित करें। यदि घर पर शिवलिंग है तो दूध, और गंगाजल आदि से अभिषेक करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा आदि अवश्य अर्पित करें। पूजा करते समय नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते रहें। अंत में भगवान शिव को भोग लगाएं और आरती करें।दिनभर उपवास रखें। शाम में आरती-अर्चना कर फलाहार करें। अगले दिन पूजा-पाठ संपन्न कर व्रत खोलें।

Related posts

हनुमान चालीसा को भक्ति पूर्ण ढंग से करने वाले सनातनी लोगों को मिला सम्मान

newsvoxindia

भट्ठा मजदूर की बेटी से गैंगरेप करने वाले  दोनों आरोपी गिरफ्तार भेजे गए जेल

newsvoxindia

फतेहगंज पूर्वी में पुलिस सुरक्षा व ड्रोन कैमरे की निगरानी में निकला होली जुलूस

newsvoxindia

Leave a Comment