पंकज गुप्ता , वरिष्ठ संवाददाता
बदायूं ।। पोस्टमार्टम हाउस पर आंखें निकालने के प्रकरण में दो डॉक्टरों को पुलिस ने दोषी मानते हुए जेल भेज दिया गया था जिस पर शुक्रवार आज शासन ने कार्रवाई करते हुए प्रदीप कुमार वार्ष्णेय को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया तथा विभागीय कार्रवाई भी बैठाल दी है।
वहीं राजकीय मेडिकल कॉलेज की टीम शुक्रवार को पोस्टमार्टम हाउस पहुंची और उन्होंने शव रखने वाली जगह का निरीक्षण किया। राजकीय मेडिकल कॉलेज की टीम में आंखों के एक डॉक्टर भी मौजूद रही ।फिलहाल उन्होंने बारीकी से पोस्टमार्टम हाउस का निरीक्षण किया। बता दें कि अभी और लोगों पर कार्रवाई होने की उम्मीद है।दूसरी तरफ प्रशासन इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई कर रही है। पीड़ित परिजनों ने भी शासन प्रशासन का कार्रवाई को लेकर धन्यवाद कहा है।
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बदायूं के इस प्रकरण पर यह कहा
बदायूं में मृतक महिला के पोस्टमार्टम के दौरान उसकी आँखे निकाले जाने के आरोपों संबंधी अत्यंत दुःखद प्रकरण को गंभीरता से संज्ञान लेते हुए उनके द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बदायूं को अपने दायित्वों व कर्तव्यों के प्रति लापरवाही करने व प्रशासनिक नियंत्रण शिथिल होने के परिणाम स्वरूप तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है साथ ही इनके विरुद्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही करने व निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य से आरोपों की जांच कराए जाने के भी निर्देश प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को दिए गए हैं । तथा प्रथम बार पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों एवं कार्मिकों का विवरण उपलब्ध कराये जाने हेतु अपर निदेशक, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण बरेली मंडल बरेली को निर्देश दिये हैं। स्वास्थ्य विभाग में अपराध कारित करने वालों व ऐसे घृणित कृत्य करने वालों का कोई स्थान नहीं। उक्त प्रकरण में संलिप्त सभी दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।