अफ्रीका में हिम्बा आदिवासी जाति की महिलाएं महिलाएं पूरी जिंदगी में सिर्फ अपनी शादी के दिन ही स्नान करती है। बैसे तो दुनिया में कई जातियां या समुदाय हैं जो अनादि काल से अपने रीति-रिवाजों और परंपराओं का पालन करते हैं। इनमें से कई समुदाय के रीति-रिवाज के बारे में जानकर आप हैरान हो जाओगे। अफ्रीका अपने सबसे पुराने रीति रिवाज के लिए मशहूर है, यह बात तो आप जानते ही होंगे। अफ्रीका के नामीबिया में हिम्बा नामक एक आदिवासी जातीय समूह बसा हुआ है, जो आज अपने पुराने रीति-रिवाजों का पालन करते हैं। उनके रिवाज इतने कठिन होते हैं जिसे महिलाओं को पीड़ा और यातनाएं सहन करनी होती है।
इस जाति की महिलाओं को अफ्रीका में सबसे खूबसूरत माना जाता है, अगर आपको भी इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा तो आपको खुद वहां पर जाकर इसे महसूस करना चाहिए। हिम्बा समुदाय श्रृंगार को अपने जीवन का अपने जीवन में अहम हिस्सा मानते हैं, जो खुद को बाहरी दुनिया से अलग कर लेता है। महिलाएं अपने जीवन में केवल एक बार स्नान करती हैं और वे अपनी शादी के दिन ही स्नान करती हैं। इन महिलाओं की त्वचा का रंग लाल होता है, जिसकी वजह यह है कि वह आयुर्वेद का बहुत अच्छा उपयोग जानते हैं।
दरअसल ये महिलाएं नहाने की जगह एक खास तरह की जड़ी-बूटी को उबालकर उसकी भाप से शरीर को ऊर्जावान बनाए रखती हैं, इस प्रक्रिया के बाद महिलाएं हाथ धोने के लिए पानी का इस्तेमाल भी नहीं करती हैं क्योंकि शरीर से गंध नहीं फैलती है | वे अपनी त्वचा को धूप से बचाने के लिए एक खास तरह के लोशन का इस्तेमाल करते हैं। यह लोशन मुख्य रूप से जानवर की चर्बी और हाय आयरन ऑक्साइड से बनाई जाती है। आपको पता होगा कि हमारे यहां कई जमीनों के रंग लाल पाए जाते हैं इसका मतलब यह है कि उसी जमीन में आयरन ऑक्साइड बहुत ज्यादा मात्रा में है। हालांकि, हेमेटाइट धूल उनकी त्वचा और पूरे शरीर को लाल कर देती है। यह लोशन अन्य जीवों के काटने से भी बचाता है। अफ्रीका में जहरीले जानवर बहुत मात्रा में पाए जाते हैं जिससे बचने का यही एक तरीका है।