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ज्योति पाल बनी शिक्षा के दम पर गांव की प्रधान, जाने रामपुर का यह दिलचस्प मामला ,

पूर्व प्रधान है 6 माह से जिला बदर ,

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डीएम के फैसले से ज्योति बनी प्रधान ,

 

मुजस्सिम खान ,
रामपुर। शिक्षा ही एक ऐसा गुण है जिसे कोई बांट नहीं सकता है खासतौर से जिस परिवार में महिलाएं शिक्षित होती हैं तो उस परिवार की कई पीढ़ियां सुधर जाती हैं। जगह जगह महिलाओं की शिक्षा से जुड़े स्लोगन “पढ़ी-लिखी लड़की, रोशनी घर की” काफी समय से देखे जाते रहे हैं । कुछ इसी तरह का स्लोगन रामपुर में वैकल्पिक व्यवस्था के चलते प्रधान पद के लिए चयनित हुई ज्योति दिनेश पर उपयुक्त प्रदर्शित होता है । यह बात यहाँ इसलिए कही रही हैं कि ज्योति के प्रधान पद के लिए हुए चयन में उनकी यही उच्च शिक्षा काम में आयी है ।

विकासखंड चमरौआ अंतर्गत मुतियापुरा गांव विकास के क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ है। इन सबके बीच पंचायती राज व्यवस्था के तहत यहां पर अन्य गांवों की तरह ही यहां पर भी घोषित तिथियों में पंच स्थानीय चुनाव होते रहे हैं। कुछ इसी तरह पिछले चुनाव में यहां से प्रधानी का चुनाव एक पुरुष जीता था और वहीं गांव में सबसे निम्न स्तर के वार्ड सदस्य पद के चुनाव में ज्योति सहित लगभग दर्जनभर ग्रामीणो को कामयाबी मिली थी ।लेकिन हाल ही में किसी मामले के चलते ग्राम प्रधान को 6 माह के लिए एडीएम कोर्ट के आदेश अनुसार जिला बदर कर दिया गया है। ऐसे में पंचायत के विकास कार्यों और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर काफी दिक्कत आने लगी। जिस पर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने पंचायत राज अधिनियम का इस्तेमाल कर वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर और शैक्षिक योग्यता के आधार पर ग्राम पंचायत सदस्य ज्योति दिनेश को गांव के प्रधान के रूप में चयनित कर डाला है।

 

चयनित ग्राम प्रधान ज्योति पाल एक पढ़ी-लिखी महिला और उन्होंने अंग्रेजी विषय परस्नातक की डिग्री ली है। इसी उच्च शिक्षा के बल पर उनको जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मादंड़ वैकल्पिक ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी दी है दिलचस्प बात यह है कि प्रधान पद की दौड़ में गांव के कई पंचायत सदस्य अपनी-अपनी किस्मत आजमा रहे थे लेकिन डीएम ने फूंक जांच और परखने के बाद अपने विवेकाधिकार का उपयोग करते हुए उच्च शिक्षा को चयन का आधार बनाया और ज्योति को गांव के प्रधान की कमान सौंप डाली। ग्राम प्रधान बनने के बाद ज्योति के सामने तय समय सीमा यानी चंद महीनों में गांव का बेहतर ढंग से विकास कराना है साथ ही पंचायत वासियों की समस्याओं का निराकरण भी कराना है अगर हम दूसरे पहलू की बात करें तो इस गांव में काफी पिछड़ापन है देश की आजादी से आज तक सबसे ज्यादा ग्रामीणों के उपयोग मे आने वाला रास्ता अब तक नहीं बन सका है गांव की कई गलियां अधूरी है फिर भी कुछ ग्रामीण ज्योति को प्रधान बनाए जाने को लेकर खासा खुश हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि वह पढ़ी-लिखी महिला है जिसके चलते उनके द्वारा विकास जरूर कराया जाएगा।

 

ज्योति दिनेश पाल के मुताबिक उनको उनकी शिक्षा केबल पर ग्राम पंचायत के प्रधान की वैकल्पिक  जिम्मेदारी  मिली है समय जरूर कम है लेकिन फिर भी उनके द्वारा गांव के विकास के कार्य कराए जाएंगे शिक्षा पर जोर दिया जाएगा सड़कों और रास्तों को दुरुस्त कराने के प्रयास किए जाएंगे ताकि भविष्य में अगर लंबे समय के लिए ग्रामीण उनके काम को देख कर जिम्मेदारी देने के लिए तैयार हो जाएं। फिलहाल उनका मानना है कि हर महिला को शिक्षा हासिल करना चाहिए, शिक्षा के बल पर ही महिलाएं आगे बढ़ रहे हैं भले ही उन्हें यह छोटी जिम्मेदारी मिली है। लेकिन प्रतिभा पाटिल पूर्व राष्ट्रपति रह चुके हैं और कई महिलाएं आज भी मंत्री हैं लिहाजा हर महिला को अपनी शिक्षा और अपने महत्व को समझना चाहिए।

जिला पंचायत राज अधिकारी डॉक्टर दुर्गा प्रसाद तिवारी के मुताबिक किसी कारणवश चमरौआ विकासखंड क्षेत्र के ग्राम मुतियापुरा के प्रधान को अपर जिलाधिकारी द्वारा 6 माह के लिए जिला बदर कर दिया गया है। ऐसे में विकास कार्य एवं सरकार की अन्य योजनाएं प्रभावित ना हो इसी के मद्देनजर जिलाधिकारी द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर पंचायत राज अधिनियम के तहत ज्योति का प्रधान पद के लिए चयन किया गया है। ज्योति अन्य सदस्यों के मुकाबले अधिक पढ़ी-लिखी हैं और इसी आधार पर डीएम द्वारा अपने विवेकाधिकार का प्रयोग करते हुए ज्योति का प्रधान पद के लिए चयन किया जाना माना जा सकता है।

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