बरेली।आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 30 जून से 8 जुलाई तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाएगी। गुप्त नवरात्रि का महत्व बासान्तिक एवं शारदीय नवरात्रि से ज्यादा होता है। और आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि यंत्र मंत्र तंत्र सिद्धिसाधना के लिए विशेष महत्व माना गया है। वैसे नवरात्रि वर्ष में चार होते हैं। शास्त्रों के अनुसार जो भी गुप्त नवरात्रि में मां भगवती की साधना करते हैं। उन्हें ग्रह दोष, रोग और सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। एवं संपन्नता सरलता से प्राप्त हो जाती है। सबसे खास बात तो यह है कि इस बार गुप्त नवरात्रि ध्रुव योग से प्रारंभ हो रही है। और 8 जुलाई शिव, सिद्धि योग में समापन होगा। यानी यह संयोग आम जनमानस के लिए बेहद ही लाभदायक है।
इस बार नवरात्रि में गुरु- पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग जैसे कई सारे शुभ योगों का नवरात्रि में आना बेहद शुभ संयोग है। वही ध्रुव योग में नवरात्रि का प्रारंभ होना मतलब अक्षय फलदाई रहेगा। लेकिन शिव, सिद्धि योग में विश्राम होना भी अत्यंत कल्याणकारी साबित होगा। जो भी इस बार नवरात्रि में व्रत पूजन उपासना करेगा उनके सभी बिगड़े कार्य बनेंगे और जीवन मंगलमय होगा तात्पर्य है कि इस बार पूजा अर्चना करने पर भगवती की खूब कृपा बरसेगी 9 दिनों तक प्रातः काल स्नान करने के बाद मां भगवती कि सामने दीप प्रज्वलित करें मंत्रों का जाप दुर्गा सप्तशती का पाठ नित्य प्रति करना चाहिए और भोग लगाना चाहिए। लक्ष्मी प्राप्ति के लिए कमल पुष्प प्रतिदिन निवेदन करें। जिन कन्याओं के विवाह में अड़चन आ रही है। वह कन्याये मां भगवती को श्रंगार अर्पित करें। गुप्त नवरात्रि में मां भगवती की पूजा उपासना भी गुप्त ही करनी चाहिए।
गुप्त नवरात्रि घटस्थापना शुभ मुहूर्त
अभिजित मुहूर्त – 30 जून , सुबह 11 बजकर 57 से 12 बजकर 53 मिनट तक।
घट स्थापना मुहूर्त – 30 जून 2022, सुबह 5 बजकर 26 मिनट से 6 बजकर 43 मिनट तक।