-आचार्य मुकेश मिश्रा
बरेली। सावन में चहुंओर खिलखिलाती हरियाली, प्रकृति की सुंदरता, खुशनुमा वातावरण भोलेनाथ की प्रसन्नता का ही प्रतीक है। त्रिलोकी नाथ भगवान शिव को समर्पित सावन महीने का तीसरा सोमवार शुभ त्रियोगों का संगम लेकर के आया है। इसलिए ज्योतिष के अनुसार तीसरे सोमवार का महत्व कई गुना अधिक बढ़ गया है। बता दें, त्रियोगों में भगवान शिव का जलाभिषेक, पूजन -अर्चन, जप-पाठ इत्यादि से सभी मनोरथ शीघ्र पूर्ण होंगे। जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष, पितृ दोष, ग्रह दोष है।तो ऐसे जातकों के लिए यह सावन का तीसरा सोमवार वरदान की तरह है।
पूजा -अर्चना जलाभिषेक से ग्रह बाधा, नकारात्मकता तो शांत होगी ही साथ ही सुख समृद्धि की वृद्धि होगी। चूंकि पुरुषोत्तम मास भी चल रहा है। जिस कारण देवधा देव महादेव के साथ जगतपति भगवान विष्णु कि भी आशीर्वाद प्राप्त होगा। सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति के लिए इस दिन जलाभिषेक पूजा पाठ अवश्य करना चाहिए।
यह रहेगा त्रियोगों का संगम
सावन के तीसरे सोमवार पर बेहद खास योग निर्मित हो रहे हैं। महादेव की पूजा-अर्चना करने के लिए शिव योग सिद्धि योग और रवि योग के संगम का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष के अनुसार शिव योग अत्यंत कल्याणकारी योग माना जाता है। वहीं सिद्ध योग सभी मनोरथो की पूर्ति करने वाला माना गया है। साथ ही रवि योग सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है।
अर्थात इस दिन देवाधिदेव महादेव की पूजा- अर्चना से सभी प्रकार से कल्याण होगा हर मनोरथ पूर्ण होगा और सकारात्मक ऊर्जा भी प्राप्त होगी। इसलिए सावन का एक तीसरा सोमवार इन संयोगों के कारण बेहद ही खास है।