पटना : नीतीश कुमार ने एनडीए को जोरदार झटका दिया। नीतीश कुमार ने बिहार के सीएम से इस्तीफा देते हुए एनडीए से अपने संबंध तोड़ लिए है। अब वह लालू यादव की पार्टी के साथ अन्य दलों के साथ मिलकर बिहार के सीएम की जिम्मेदारी निभाएंगे। वही डिप्टी सीएम के पद पर लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव संभालेंगे।
राबड़ी देवी के घर हुई बैठक में राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले महागठबंधन का नेता चुने जाने के बाद राज्य के सीएम के तौर पर अपना दावा पेश किया है।
वही नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को 164 विधायकों की सूची सौंपी है और वही यह तय करेंगे कि शपथग्रहण कब होगा। हालांकि राज्य विधानसभा में विधायकों की वर्तमान संख्या 242 है और बहुमत के लिए 122 विधायकों की जरूरत होगी।
बिहार के भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने नीतीश कुमार पर 2020 के विधानसभा चुनावों के जनादेश के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया और दावा किया कि कुमार को इसके लिए बिहार की जनता उन्हें सजा देगी। नीतीश कुमार का यह कदम 2017 में जो हुआ था उसका उलटा है । जब वह महागठबंधन का साथ छोड़कर राजग में फिर से शामिल हो गए थे। नीतीश कुमार ने सहयोगी भाजपा का साथ नौ साल में दूसरी बार छोड़ा है।
बताया जा रहा कि नीतीश कुमार भाजपा हाईकमान से कई मुद्दे पर नाराज थे। जिसके चलते उन्होंने एनडीए का साथ छोड़ दिया। माना जा रहा है कि नीतीश के एनडीए छोड़े जाने से आगामी लोकसभा में एनडीए की राह बिहार में कठिन होने वाली है।