बरेली। इलाहाबाद हाईकोर्ट धार्मिक स्थलों एवं सार्वजनिक जगहों पर लाउडस्पीकर बजाने पर संज्ञान लेने का असर बरेली में दिखने लगा है। बरेली (bareilly news) में धार्मिक स्थलों पर एक तरफ प्रशासन लाउडस्पीकर हटाने को लोगों से कह रहा है तो वही लोग मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वेच्छा से धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटा रहे है। एक जानकारी के मुताबिक प्रशासन ने अपील करते हुए बीती दिन 11 धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाये थे तो वही बुद्धवार को 19 धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटवाए गए। जिन धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटवाए गए है उसमें बरेली के प्रमुख धार्मिक स्थल है।
एसएसपी रोहित सजवाण ने बताया कि जनपद बरेली में अभी तक लगभग 30 धार्मिक स्थलों के प्रमुख की स्वेच्छा लाउडस्पीकर उतरवाए गए है। 150 धार्मिक स्थल ऐसे है जहां ध्वनि को कम करवाया गया है। वही पुलिस प्रशासन की कई टीम इस संबंध में काम कर रही है जहां भी धार्मिक स्थल पर लाउडस्पीकर लगे है उन्हें चिन्हित किया जा रहा है।
धार्मिक स्थल पर लाउडस्पीकर बजाने को लेकर कोर्ट है सख्त
सार्वजनिक जगहों एवं धार्मिक स्थलों , जुलूसों और जलसों में बिना अनुमति के लाउडस्पीकर बजाने पर रोक का यह फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद लिया गया है। दरसल 20 दिसंबर 2017 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से सवाल किया था कि किसके आदेश पर लाउडस्पीकर बज रहे हैं? इसके बाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंदिर और मस्जिद में लाउडस्पीकर बजाने को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर उत्तर प्रदेश के गृह सचिव, मुख्य सचिव और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के प्रमुख को तलब किया था। बता दे इसके बाद सीएम योगी ने लाउडस्पीकर बजाने के संबंध में कहा था कि सभी धार्मिक स्थल पर बजने वाले लाउडस्पीकर की आवाज परिसर तक सीमित रहना चाहिये।