-प्रीति, आयुष्मान, बुधादित्य योग का संयोग, करेगा पुत्र कामना को पूर्ण
ज्योतिषाचार्य -पंडित मुकेश मिश्रा
बरेली। यूं तो बरस भर में चौबीस एकादशी़ पर भगवान विष्णु का व्रत और पूजा- पाठ किया जाता है। लेकिन धर्म शास्त्रों के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी का खास महत्व होता है। इस एकादशी पर व्रत -पूजन करने से निःसंतानो को सरलता से भगवान की कृपा से संतान की प्राप्ति होती है। इसलिए इस एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस बार एकादशी 27 अगस्त रविवार को मनाई जाएगी।इस बार यह एकादशी कई संयोगों को संजोए हुए हैं। जिस कारण इस पर्व का महत्व कई गुना अधिक बढ़ गया है। बता दे, पुत्रदा एकादशी व्रत करने से साधको को सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। ऐसा माना गया है इस व्रत को करने से मोक्ष के द्वार तक खुल जाते हैं। इस व्रत को करने से सभी पापों का नाश होता है। इतना ही नहीं कई प्रकार के ग्रह दोष दूर होते हैं। साथ ही दांपत्य जीवन भी खुशहाल हो जाता है।
ग्रह दोषों के कारण जिन जातकों के यहां संतान नहीं है। ऐसे जातकों के लिए यह पुत्रदा एकादशी वरदान की तरह है। अत्यंत मंगलकारी ग्रह संयोगों के कारण श्री हरि की महती कृपा जातकों को सहजता से प्राप्त होगी।
*यह रहेंगे ग्रह संयोग*
पुत्रदा एकादशी पर ज्योतिष के अनुसार सूर्य -बुध ग्रह एक साथ सिंह राशि में गतिशील रहेंगे। जिससे बुधादित्य योग का निर्माण होगा। बता दे, यह योग यश- वैभव, संपन्नता का कारक माना गया है। वही इस दिन दोपहर 1:25 तक प्रीति योग रहेगा। उपरांत आयुष्मान योग शुरु हो जाएगा। कुल मिलाकर प्रीत योग में भगवान की पूजा करने से श्री हरि की करुणा बरसेगी और आयुष्मान योग में पूजा पाठ से सभी मनोरथों की पूर्ति होगी।
*यह करें उपाय*
संतान प्राप्ति की कामना के लिए पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के बालस्वरूप का पूजन करें।
अगर संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है तो श्रद्धापूर्वक पुत्रदा एकादशी का व्रत करें।
हो सके तो एकादशी के दिन निर्जला व्रत रखें और भगवान से संतान प्राप्ति की प्रार्थना करें। ऐसा करने से गुणवान संतान की प्राप्ति होती है।पुत्र प्राप्ति के लिए भगवान को पूजा में हलवा का भोग लगाएं और संतान गोपाल मंत्र का 108 बार जाप करें।संतान के करियर या उन्नति में बाधाएं आ रही है, जिससे वह सफल नहीं हो पा रहा तो आप सावन पुत्रदा एकादशी के दिन पीपल पेड़ के दिन नीचे घी का दीपक जलाकर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। इससे संतान के करियर में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती है।वंश वृद्धि या संतान प्राप्ति के लिए पुत्रदा एकादशी पर गरीब बच्चों को अन्न, वस्त्र, गुड़, घी आदि का दान करें. इससे जल्द ही सूनी गोद भर जाती है.