स्वरूप पुरी,
राजाजी टाइगर रिजर्व में इन दिनों खुशी का माहौल है। पार्क की मोतीचूर रेंज में इन दिनों आईयूसीएन की रेड लिस्ट व विलुप्ति की कगार पर पँहुच गए हिमालयन ग्रिफॉन गिद्धों ने अपना डेरा जमाया हुआ है। सैकड़ो की संख्या में ये गिद्ध यंहा पँहुचे है। इनकी बड़ी संख्या को देख अधिकारी भी हतप्रभ है। पहले बहुत कम संख्या में नजर आने वाले ये गिद्ध , अब सैकड़ो की संख्या में नजर आ रहे है। पर्यावरण की दृष्टि से यह एक बेहतर संकेत है। पार्क की मोतीचूर रेंज की बात करे तो इस रेंज में मौजूद जंगल साल भर हरे भरे रहते है। इस स्थान पर कई शेड्यूल वन के प्राणी पाए जाते है। वन्ही पक्षियों की कई प्रजातियां भी यंहा फल फूल रही है। ऐसे में हिमालय ग्रिफॉन गिद्धों का यंहा नजर आना प्राकृतिक दृष्टि से बेहतर संकेत माना जा रहा है। पार्क की चीला रेंज में भी ये गिद्ध नजर आते है। मगर मोतीचूर रेंज में इतनी बड़ी संख्या में पँहुच इनका यंहा डेरा जमाना कौतूहल बना हुआ है।
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संकट ग्रस्त प्रजाति में शामिल है ये गिद्ध
हिमालयन ग्रिफॉन गिद्ध हिमालय के उच्च क्षेत्रों और तिब्बती पठार में निवास करता है। वे अपने चौड़े और शक्तिशाली पंखों की मदद से 5,500 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकते हैं। प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (IUCN) द्वारा नियर थ्रेटेंड के रूप में सूचीबद्ध हैं। वन्ही मोतीचूर रेंज में इनकी मौजूदगी को देखते हुए इनकी निगरानी भी बड़ा दी गई है।
“इकोसिस्टम की बात करे तो इन गिद्धों का यंहा पाया जाना बेहतर संकेत है। बहुत बड़ी संख्या में इनके यंहा पहुचने से इनकी दैनिक मोनिटरिंग कर डेटा एकत्र किए जा रहे है।
युवा पीढ़ी इनको बेहतर तरीके से समझ सके इसके लिए जल्द ही उच्चाधिकारियों से वार्ता कर शैक्षणिक टूर आयोजित करने का प्रयास किया जाएगा”
आलोकि, वन क्षेत्राधिकारी, मोतीचूर रेंज।