नीतू मिश्रा-वास्तु विशेषज्ञ,
वास्तु शास्त्र संपूर्णतः विज्ञान पर आधारित है,वास्तुशास्त्र में दिशाओं का बेहद महत्वपूर्ण स्थान होता है वास्तु के सभी सिद्धांत दिशाओं की ऊर्जा और आसपास की ऊर्जा पर आधारित होता है . हमारा आचार विचार व्यवहार सोच सभी की ऊर्जा हमारे जीवन को प्रभावित करती है.हर दिशा के दोष कोई न कोई समस्या उत्पन्न करती है .
उत्तर पश्चिम के वास्तुदोष भी कई तरह के समस्या उत्पन्न करते है.यदि आपको सांस,त्वचा,मानसिक समस्या, मन की समस्या आदि है तो निःसन्देह आपके घर का उत्तर पश्चिम निःसन्देह दूषित है .उत्तर पश्चिम दिशा को वायव्य कोण कहते है ,जो वायु प्रधान दिशा होती है जिसका स्वामी चंद्रमा है. और यदि वायव्य कोण दूषित है आपके घर का तो चन्द्रमा से सम्बंधित समस्या आपको घेर सकता है.
वास्तु अनुसार वायव्य कोण में गंदगी,कबाड़,आदि नही होने चाहिए ये नुकसान देते है इसके अतिरिक नए शादीशुदा जोड़े का कमरा भी वायव्य कोण में नही होना चाहिए . ये दिशा विपरीत परिणाम दे सकती है.
सिद्धि वास्तु सेंटर
नीतू मिश्रा-वास्तु विशेषज्ञ (डबल डिग्री,गोल्ड मेडलिस्ट)ज्योतिषी
सम्पर्क-7017705271