विद्यालयों के मर्जर के खिलाफ बरेली में शिक्षक, छात्र और कर्मचारी संगठनों ने मिलाया मोर्चा, बना “शिक्षा बचाओ मोर्चा”

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बरेली।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित स्कूल मर्जर नीति के खिलाफ बरेली में शिक्षक संगठनों, छात्र संगठनों, ट्रेड यूनियनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने साझा मोर्चा बना लिया है। शनिवार को गांधी उद्यान में आयोजित बैठक में सभी संगठनों ने एक सुर में सरकार के फैसले का विरोध किया और “शिक्षा बचाओ मोर्चा, बरेली” के गठन की घोषणा की।

बैठक में बताया गया कि योगी सरकार द्वारा प्रदेश में लगभग 27,000 प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों, और बरेली जिले में 617 स्कूलों का मर्जर किया जा रहा है। वक्ताओं ने इसे गरीब, वंचित और ग्रामीण तबकों के बच्चों की शिक्षा पर सीधा हमला बताया।

प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नरेश गंगवार ने सरकार को अहंकारी बताते हुए कहा कि यह फैसला गरीबों के बच्चों से शिक्षा छीनने वाला है। जूनियर शिक्षक संघ के मंडल अध्यक्ष डॉ. विनोद शर्मा ने इसे शिक्षा पर हमला बताते हुए साझा संघर्ष की जरूरत पर बल दिया। यूटा के जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने इसे काले दिन जैसा करार दिया।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के परीक्षित गंगवार और क्रांतिकारी संगठनों के वक्ताओं ने कहा कि मर्जर से न केवल बच्चों की पढ़ाई बाधित होगी बल्कि लाखों शिक्षकों व रसोइयों की नौकरियों पर भी संकट मंडराएगा।

इंकलाबी मजदूर केंद्र, छात्र संगठनों और ट्रेड यूनियन नेताओं ने भी इसे समाज-विरोधी, शिक्षा-विरोधी और संविधान के अधिकारों का उल्लंघन बताया। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार शिक्षा को निजी हाथों में सौंपना चाहती है ताकि शिक्षा मुनाफे का व्यापार बन जाए।

बैठक में निर्णय लिया गया कि 4 जुलाई को बाइक रैली और 8 जुलाई को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा। जनता को जागरूक करने के लिए पर्चा अभियान भी चलाया जाएगा।

बैठक का संचालन ललित (क्रालोस) ने किया। अंत में सर्वसम्मति से “शिक्षा बचाओ मोर्चा” का संयोजक मंडल भी घोषित किया गया।

 

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Author: newsvoxindia

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