भगवान चित्रगुप्त यमपुरी के देवता है। मनुष्य के कर्मों की लेखा-जोखा इन्हीं के पास रहता है। उसी लेखा-जोखा के हिसाब से मनुष्य को कर्मों का दंड मिलता है।भगवान चित्रगुप्त मुख्य रूप से लेखा-जोखा रखने का कार्य करते हैं। इसलिए इनका मुख्य कार्य लेखनी से जोड़कर देखा जाता है। यही वजह है कि भाई दूज के दिन चित्रगुप्त जी के प्रतिरूप के तौर पर कलम का पूजन भी किया जाता है। माना जाता है कि भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने से बुद्धि, वाणी और लेखनी का आशीर्वाद मिलता है। बता दें कि कायस्थ कुल के लोगों को भगवान चित्रगुप्त का वंशज माना जाता है। इसी वजह से कायस्थ परिवार के लोग भगवान चित्रगुप्त जी का पूजन और उनके साथ कलम का पूजन इस दिन विशेष रूप से करते हैं।
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