बरेली।भारतीय टेलीविजन पर भगवान राम की भूमिका निभाकर करोड़ों दर्शकों का दिल जीतने वाले अभिनेता गगन मलिक अब एक आध्यात्मिक जीवन जी रहे हैं। भगवान बुद्ध के जीवन पर बनी अंतरराष्ट्रीय फिल्म ‘श्री सिद्धार्थ गौतम’ में अभिनय करने के बाद उनका झुकाव बौद्ध धर्म की ओर हुआ, और उन्होंने न केवल इसे अपनाया, बल्कि 2022 में थाईलैंड में भिक्षु दीक्षा भी ग्रहण की। अब बौद्ध धर्म के प्रचारक के रूप में वे “भिक्षु अशोक” के नाम से जाने जाते हैं।

गगन मलिक अब बौद्ध धर्म के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से कल बरेली पहुंच रहे हैं। उनके आगमन पर स्थानीय बौद्ध अनुयायी उन्हें फूलों की वर्षा के साथ भव्य स्वागत देंगे। उनके साथ अन्य बौद्ध भिक्षु भी बरेली आएंगे। इस अवसर पर गगन मलिक बरेली के चंद्रमणि बौद्ध विहार में स्थापित की जा रही विशाल गौतम बुद्ध प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे। यह कार्यक्रम बौद्ध अनुयायियों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बनने जा रहा है।
गगन मलिक का जन्म 1976 में दिल्ली में हुआ था। शुरू में वे दिल्ली की रणजी ट्रॉफी क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे, लेकिन बाद में उन्होंने अभिनय को करियर के रूप में चुना। उन्होंने कई टीवी धारावाहिकों में काम किया, लेकिन उन्हें विशेष पहचान 2012 में प्रसारित रामानंद सागर के धारावाहिक ‘रामायण’ में भगवान राम की भूमिका से मिली। इस भूमिका के कारण वे केवल भारत में ही नहीं, बल्कि इंडोनेशिया जैसे देशों में भी बेहद लोकप्रिय हो गए।
2013 में गगन मलिक ने श्रीलंका में बनी फिल्म ‘Sri Siddhartha Gautama’ में भगवान बुद्ध की भूमिका निभाई। इस फिल्म को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार मिले, और गगन मलिक को संयुक्त राष्ट्र के बौद्ध फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का सम्मान भी प्राप्त हुआ। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान ही गगन मलिक बौद्ध दर्शन से प्रभावित हुए और धीरे-धीरे उन्होंने उसे अपने जीवन का हिस्सा बना लिया।
2022 में थाईलैंड के वॉट थाथोंग मंदिर में उन्होंने श्रामनेर दीक्षा ली और “अशोक” नाम ग्रहण किया। इसके बाद वे पूरी तरह से सामाजिक और धार्मिक कार्यों में लग गए। उन्होंने Gagan Malik Foundation और Triratnabhoomi Society की स्थापना की, जिसके अंतर्गत वे 84,000 बुद्ध प्रतिमाएं दान करने का संकल्प लेकर देश-विदेश में धर्म कार्यों में लगे हैं। यह कार्य सम्राट अशोक की परंपरा से प्रेरित है।
अब जब गगन मलिक बरेली आ रहे हैं, तो यह अवसर सिर्फ एक सांस्कृतिक या धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक बन गया है। उनके स्वागत की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं और स्थानीय बौद्ध समुदाय उनके विचारों और मार्गदर्शन को सुनने के लिए उत्सुक है। चंद्रमणि बौद्ध विहार में होने वाला प्रतिमा अनावरण समारोह भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा।
गगन मलिक का यह सफर बताता है कि धर्म केवल अभिनय की स्क्रिप्ट नहीं, बल्कि आचरण की पराकाष्ठा हो सकता है। राम के चरित्र से शुरू हुआ उनका सफर अब बुद्ध के करुणा पथ पर चल पड़ा है, और बरेली की धरती इसका अगला साक्षी बनने जा रही है।
