बरेली। वर्ष 2010 में बरेली में पूर्व एसपी ट्रैफिक के पद पर तैनात कल्पना सक्सेना पर उनके विभाग के तीन पुलिसकर्मियों के साथ एक अन्य ने जानलेवा हमला कर दिया था जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी। इसके बाद एसपी ट्रैफिक कल्पना सक्सेना ने एक मुकदमा दर्ज कराया था । करीब 14 साल तक बरेली कोर्ट में चली सुनवाई में आज चारों आरोपियों को कोर्ट ने दोषी सिद्ध करते हुए 10 -10 साल की सजा सुनाने के साथ 50 -50 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया है। इसके बाद पुलिस ने दोषियों को जेल भेज दिया गया ।
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बता दें कि कोर्ट ने 14 गवाहों को सुनने के बाद आज अपना फैसला सुनाया । सरकारी वकील मनोज कुमार बाजपेई ने बताया कि वर्ष 2010 में शाहजहांपुर रोड पर मजार के पास एसपी ट्रैफिक कल्पना चौधरी को तीन सिपाइयों द्वारा अवैध वसूली की सूचना मिली थी। जब वह मौके पर पहुंची तो देखा कि रोड पर ट्रकों की लंबी लंबी लाइन लगी है और तीन सिपाही रविन्द्र , रावेंद्र , मनोज सहित धर्मेंद्र द्वारा अवैध वसूली की जा रही है।

इसी दौरान वसूली का विरोध करने पर एसपी ट्रैफिक के ऊपर आरोपियों ने हमला कर दिया। इस मामले में 14 गवाह उनके द्वारा पेश किए थे। सहायक अभियोजन अधिकारी विपर्णा गौड़ ने बताया कि यह मामला वर्ष 2010 का है। जब कल्पना सक्सेना बरेली में एसपी ट्रैफिक के पद पर तैनात थी। इसी बीच उनके पास उनके विभाग के पुलिसकर्मियों द्वारा अवैध वसूली की सूचना मिली थी । जब वह मौके पर पहुंची तो आरोपी मनोज रविन्द्र , रावेंद्र और उनमें से एक का भाई धर्मेंद्र था। मनोज कार को ड्राइव कर रहा था ।

जब कल्पना सक्सेना ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तब आरोपियों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया , जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी। कोर्ट ने आज मामले की सुनवाई करते हुए चारों आरोपियों को दोष सिद्ध करते हुए 10 -10 साल की सजा , 50 -50 हजार का आर्थिक दंड लगाया है।

Author: newsvoxindia
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