हाजी सय्यद बाबा की दरगाह बनी एकता और भाईचारे की मिसाल

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बरेली ।हाजी सय्यद बाबा रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह पर शनिवार को अकीदतमंदों का तांता लगा रहा। दूर-दराज़ से आए ज़ायरीन ने गुलपोशी व चादरपोशी कर दुआएं मांगी। इस मौके पर समाजसेवी पम्मी ख़ाँ वारसी ने दरगाह पर हाज़िरी दी और मुल्क की तरक़्क़ी, आवाम की खुशहाली, आपसी एकता और भाईचारे के लिए ख़ास दुआ की।

उन्होंने कहा, “या अल्लाह, वलियों के वसीले से हमारी हाज़िरियों को कुबूल फरमा, मुल्क के अमन को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को नेस्तनाबूद कर, आतंकवाद का खात्मा हो, बीमारों को शिफ़ा अता फरमा और अपने बंदों की जाएज़ दुआओं को कुबूल फरमा।”

रूहानी माहौल में सजी महफ़िल ए समां
मगरिब की नमाज़ के बाद गुलपोशी और चादरपोशी की रस्म अदा की गई। इसके बाद इशा की नमाज़ के बाद महफ़िल-ए-समां का आयोजन किया गया, जिसमें मशहूर कव्वाल गुलाम वारिस और इंतज़ार साबरी ने अपने कलामों से हाज़िरीन को रूहानी लुत्फ़ से सराबोर कर दिया। उन्होंने बुज़ुर्गों की करामातों और शख्सियत पर रोशनी डालते हुए अकीदतमंदी का इज़हार किया। यह महफ़िल देर रात तक जारी रही।

अकीदतमंदों का हुआ गर्मजोशी से इस्तक़बाल
दरगाह के मुतवल्ली अनवार अहमद ने अकीदतमंदों का गर्मजोशी से इस्तक़बाल किया। इस मौके पर इंजीनियर अनीस अहमद ख़ाँ, डॉ. अनीस बेग, मुशर्रफ़ ख़ान, इदरीस ख़ान, नायब सदर अब्दुल जब्बार, पंकज सक्सेना, ज़ुबैर ख़ान, तौसीफ़ ख़ान, वसीम देवू, बाबू भाई समेत कई गणमान्य लोग और बड़ी संख्या में ज़ायरीन मौजूद रहे।

 

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Author: newsvoxindia

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