जाने  हैप्पीनेस डे के बारे में , किस पायदान पर है भारत

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बरेली । हैप्पीनेस का मतलब होता है खुशी या प्रसन्नता. यह आनंद, संतुष्टि, और पूर्णता की भावना से जुड़ा होता है. यह केवल नकारात्मक भावनाओं की अनुपस्थिति नहीं है, बल्कि मन की सकारात्मक स्थिति है।।143 देशों के ग्लोबल हैप्पीनेस इंडेक्स में 118  वें स्थान पर भारत, भारत में वृद्ध पुरुष वृद्ध महिलाओं की तुलना में जीवन से अधिक संतुष्ट हैं लेकिन अन्य सभी मानकों को ध्यान में रखें तो वृद्ध महिलाएं वृद्ध पुरुषों की तुलना में जीवन से अधिक संतुष्ट हैं ।
देश में खुशी बढ़ाने वाले कोच,क्लास से ले कर एप तक मौजूद होने के बाद भी भारत हैपीनेस की सूची में काफी पीछे है ।किसी ने सही लिखा है कि दिन में एक सेब खाना ही नहीं बल्कि दिन में एक बार चेहरे पर मुस्कान आना भी सेहत बनाता है। 15 मिनट की हसी 2 घंटे की नींद से ज्यादा फायदा देती है एक बार ज़ोर से हसने से  साढ़े तीन ग्राम कैलोरी बर्न होती है। आज के इस दौर में काम से संबंधित तनाव चिंता और अवसाद का कारण बन रहा है विशेषज्ञों की माने तो विश्व में 50 करोड़ से ज्यादा लोग खुशी की तलाश में हैं और किसी भी कीमत पर खुशी चाहते हैं ।
खुशी तलाशने के लिए कुछ डोपामाइन  प्रोडक्ट्स भी बाजार में आ गए हैं मनोविशेषज्ञ का कहना है कि डोपा माईन  डोज वो हैं जिनसे लोग अपने नीरस जीवन में कुछ उत्साह या खुशी पा जाते हैं।खुश रहने के लिए सबसे जरूरी है हमारी आत्म संतुष्टी मगर आज कल लोगों में आत्म संतुष्टी नहीं है उन्हें अंदर से खुशी नही मिलती इसीलिए वे खुशी खरीदने की कोशिश करते हैं ताकि खुश रह सके लोग हैप्पीनेस क्लास,ऐप्स और कोच का सहारा लेते हैं।
ताकि खुशी मिले अगर वास्तव में खुश रहना चाहते हैं तो उसके लिए अंदर से खुश रहे जिसके लिए जीवन से संतुष्ट होना जरूरी है.इसके लिए अपने रिश्तों को और मजबूत बनाना चाहिए ।अच्छे और पुराने मित्रों का साथ वक्त बिताना चाहिए। और अपने कुछ अच्छे शौक पूरे करने चाहिए साथ ही अपनी मानसिक सेहत का ख्याल रखना भी आवश्यक है।
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Author: newsvoxindia

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