बरेली। इस्लामिया मैदान में होने वाले 107वें उर्स-ए-रज़वी में इस बार दुनियाभर से आने वाले उलेमा व सज्जादगान समाज सुधार, आपसी सौहार्द और नौजवानों को सोशल मीडिया के सही इस्तेमाल जैसे मुद्दों पर जोर देंगे। दरगाह-ए-आला हज़रत के प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) और सज्जादानशीन बदरूशरिया मुफ्ती अहसन मियां की अध्यक्षता में मदरसा मंजरे इस्लाम के उलेमा व शिक्षकों की बैठक में एजेंडा तय किया गया।
वरिष्ठ शिक्षक मुफ्ती मोहम्मद सलीम बरेलवी ने बताया कि उर्स मंच से मसलक-ए-आला हज़रत की शिक्षा को मजबूत करने, अहले सुन्नत वल जमात में इत्तेहाद, और नशाखोरी, जुआ, महिलाओं पर अत्याचार, दुष्कर्म, सूदी कारोबार, झगड़े-हत्या, शैक्षिक पिछड़ापन और शादियों में फिजूलखर्ची जैसी बुराइयों पर रोक लगाने का संदेश दिया जाएगा। साथ ही निकाह को आसान बनाने, बच्चों की कानूनी उम्र पूरी होने पर जल्दी शादी करने और छोटे-मोटे मसले घरों में निपटाने की अपील होगी।
उलेमा देश में नफरत फैलाने वालों के खिलाफ अमन पसंद हिन्दू-मुस्लिम एकजुटता का अभियान चलाने का आह्वान करेंगे। सोशल मीडिया पर भड़काऊ या आपत्तिजनक सामग्री से बचने, और इसे शांति और भाईचारे के प्रचार के लिए इस्तेमाल करने पर युवाओं को प्रेरित किया जाएगा।
इसके अलावा पाकिस्तानी कट्टरपंथी यूट्यूबर उलेमा से सावधान रहने, और शरई मालदार मुसलमानों से सदका व ज़कात का पूरा हिसाब लगाकर बीमारों, छात्रों, बेरोजगारों व बेटियों की शादी जैसे जरूरतमंदों को सीधे मदद देने की अपील होगी।
बैठक में मुफ्ती आकिल रज़वी, मुफ्ती अय्यूब नूरी, राशिद अली खान, हाजी जावेद खान, अजमल नूरी, औरंगज़ेब नूरी, नासिर कुरैशी, ताहिर अल्वी आदि मौजूद रहे।
