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नेपाल में आला हज़रत की सुन्नी,सूफी,खानकाही विचारधारा के प्रसार के लिए आलाहज़रत नेशनल लाईब्रेरी की स्थापना,

नेपाल में आला हज़रत की सुन्नी,सूफी,खानकाही विचारधारा के प्रसार के लिए “आलाहज़रत नेशनल लाईब्रेरी की स्थापना”

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दरगाह प्रमुख और सज्जादानशीन ने दी मुबारकबादी

बरेली |  नेपाल आला हज़रत नेशनल लाईब्रेरी के नाम से पहले सुन्नी सूफी  खानकाही लाईब्रेरी की स्थापना और उद्धघाटन के मौके पर मुफ्ती मोहम्मद सलीम नूरी ने कहा कि आला हज़रत ने इस्लाम धर्म की अमन व शांति वाली विचारधारा का विश्व भर में अपने फतवों और किताबों द्वारा प्रसार किया। इसी अहिंसात्मक विचार धारा को सुन्नी,सूफी,खानकाही बरेलवी  विचारधारा के नाम से जाना जाता है।
दरगाह प्रमुख हज़रत सुबहानी मियां और सज्जादानशीन हजरत मुफ्ती अहसन मियॉ के प्रयासों और आलाहज़रत के मदरसा मंजरे इस्लाम के मुफ्ती मोहम्मद सलीम बरेलवी व तंजीम उलमा ए इस्लाम के मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी व दरगाह आला हज़रत के मुफ्तियाने किराम के लगातार दौरों के कारण इधर तीन सालों में भारत और नेपाल के सुन्नी उलेमा के रिश्तों तथा नेपाल के सुन्नी मुसलमानों के रिश्तों में  मजबूती आई है।

 

 

इन्ही रिश्तो की नई इबारत लिखने और आलाहज़रत की सुन्नी,सूफी,खानकाही और मानवतावादी विचारधारा को साहित्यिक तथा मजबूत अन्दाज मे प्रसारित करने के लिए नेपाल के मशहूर जनपद “नवलपरासी” में फैजाने अहले बैत संस्था के प्रबंधन मे “आलाहज़रत नेशनल लाईब्रेरी” के नाम से एक भव्य राष्ट्रीय लाईब्रेरी की स्थापना की गई है। जिसका उद्धघाटन समारोह दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियॉ के खलीफा और राष्ट्रीय उलमा कौंसिल नेपाल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हजरत सय्यद गुलाम हुसैन, अल्लामा जामिन अली रजवी और डाक्टर साबिर अली ने किया। आला हज़रत के नाम से अपनी अलग बिल्डिंग में इतनी बड़ी और भव्य अंदाज की पूरे नेपाल देश में यह पहली ऐसी लाईब्रेरी है जिसे दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियॉ और सज्जादानशीन हजरत अहसन मियॉ तथा आलाहज़रत के स्थापित कर्दा मदरसा मंजर-ए-इस्लाम का संरक्षण प्राप्त है। इस भव्य पुस्तकालय में आला हजरत की अनेक भाषाओं मे लिखी पुस्तकों के अतिरिक्त सुन्नी,सूफी,खानकाही विचार धारा पर आधारित पुस्तके उपलब्ध रहेगी।

आला हज़रत राष्ट्रीय पुस्तकालय के तत्वावधान में दरगाह आला हज़रत के प्रमुख की ओर से बहुत जल्द आपसी सौहार्द, ,अहिंसात्मक विचार, अमन-चैन और शांति को बढ़ावा देने तथा भारत व नेपाल के और यहाॅ के सुन्नी मुसलमानो के रिश्ते लिए आला हज़रत और दूसरे खानकाही बुजुर्गों की किताबों का नेपाली भाषा में अनुवाद भी कराने का प्रयास कर रहे हैं।मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि नेपाल देश में आला हज़रत के नाम से इस पहली बड़ी लाईब्रेरी की स्थापना पर नेपाल देश खास कर जनपद नवलपरासी के समस्त सुन्नी उलमा को और सय्यद गुलाम हुसैन मजहरी को दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियॉ ने मुफ्ती मोहम्मद सलीम साहब के माध्यम से मुबारक बाद और प्रशस्ति पत्र लिखकर भेजा है।

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