सहकारिता कर्मी हड़ताल पर, किसान बिना खाद के फसलें बोने को मजबूर

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मुजस्सिम खान 
रामपुर : किसान अपने खून पसीने से सीच कर खेतों में फसलों को उगाता है उसको फसलों की परवरिश के लिए बीज के साथ-साथ खाद और पानी की भी जरूरत होती है फिर खाद के जरिए फसलो की पैदावार बढ़ती है अगर ढंग से खाद पानी ना लगे तो यह फसले बेदम हो जाती हैं और जिसके चलते किसान कर्जदार हो जाता है । लेकिन इन दिनों खाद की किल्लत का सामना किसानों को करना पड़ ही रहा है। कुछ इसी तरह का नजारा उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर का है , जहां पर किसान बिना खाद के ही अपने खेतों में फसलें बोने को मजबूर हैं इसका अब एक और कारण खाद के स्टोर पर काम करने वाले वह कर्मी है जो किसानों को बची कुची खाद दिए जाने के बजाएं अपनी वेतन बढ़ोतरी और पदोन्नति की मांग को लेकर इन स्टोरों में ताला डालकर हड़ताल पर चले गए हैं| 

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 दरसल रामपुर उत्तराखंड तराई में बसा वह इलाका है जहां पर किसान भारी मात्रा में अपने खून पसीने से  सींच कर धान, मटर, सरसों, मैंथा और गेहूं आदि की फसलों को उगाते हैं । तकरीबन 3 से 4 महीने तक बेहतर खाद और पानी देने के बाद इन फसलों के पक जाने का इंतजार करते हैं। इन दिनों मटर और गेहूं की फसलो को बोने का समय है किसानों को बुवाई के समय बीज के साथ-साथ खाद की बहुत जरूरत पड़ती है। लेकिन इन दिनों खाद की किल्लत विकराल रूप धारण करती जा रही है तो वही स्टोरों में रखी बची कुची खाद के स्टॉक पर तालाबंदी करते हुए यहां पर तैनात कर्मी अपनी वेतन वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं । जिसके चलते तहसील बिलासपुर क्षेत्र में  मटर की बुवाई करने वाले बहुत से किसान अपने खेतों में बिना खाद के ही फसलों को बोने के लिए मजबूर हैं । बिना खाद के बोई जा रही इन फसलों को लेकर किसानों के चेहरों पर दिन-ब-दिन उदासी छाती चली जा रही है ।

किसान हनीफ वारसी के मुताबिक इन लोगों ने हड़ताल कर रखी है कई दिन से पहले खाद नहीं थी किसान चक्कर काट रहे थे खाद के लिए कल खाद आ गई है तो आज ताले पड़े हैं हम लोग सुबह से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं सरकारी समिति में सुबह से सैकड़ों किसान इकट्ठा थे वहा खाद शुरू करवाया तोल शुरू करवाई धान तोल बंद कर रखी है इन लोगों ने। खाद इसके अंदर बंद है किसानों के पास खाद नहीं है। गेहूं की बुवाई एकदम तैयार है मटर की बुवाई एकदम तैयार है लाई की बुवाई एकदम तैयार है मसूर की बुवाई एकदम तैयार है यह फसलें जो है इसी समय बोई जाती है लेकिन किसानों के पास खाद नहीं है यह मनमानी है मेरे हिसाब से तो मैं यही कहूंगा कि सरकार की गुंडागर्दी है आज हमें खाद चाहिए 8 दिन की हड़ताल है 15 दिन के बाद हमे खाद मिलेगा | देखिए बोर्ड पर लिखा है कि  15 दिन के बाद खाद मिलेगा। क्या करेगा किसान  पलेवा  उसका हो रखा है अगर 5 दिन भी बुवाई लेट हो गई तो दोबारा   पलेवा  करना पड़ेगा किसान को डीजल पेट्रोल बिजली दुनिया की चीज़ सरकार ने महंगी कर रखी है अगर आज वह पलेवा  कर के गेहूं बो रहा है समय से बो रहा है खाद के बगैर गेहूं नहीं बोया जाएगा, खाद के बगैर मटर नहीं बोई जाएगी, खाद के बगैर लाई या कोई फसल नही बोई जाती हैं। इस समय हालात यह है कि ईश्वर ने तो हमें बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाया है और सरकार भी बड़ा नुकसान पहुंचा रही है हमारी मदद नहीं कर रही है।

किसान गुरविंदर सिंह के मुताबिक में  बिजली फार्म से खाद लेने के लिए आया था मटर की बुवाई करनी है गेहूं के लिए भी ज़मीन जोत रखी है गेहूं की जो नमी है वह भी खत्म होती जा रही है खाद है इनके पास लेकिन इन्होंने यहां पर बोर्ड पे लिख कर ताला लगा रखा हैं और सुबह से हम यहां पर धरने पर बैठे रहे और हमें खाद बिल्कुल भी नहीं मिली हम तो यही चाहते हैं सरकार से भी हमने यही अपील की है कि जब खाद है तो हमें दी क्यों नहीं जा रही उसका कारण बताएं क्यों नहीं देना चाह रहे हैं आज भी देनी है और 8 दिन के बाद भी देनी है मतलब हड़ताल करने का कारण तो हो वजह तो कोई हो हमें पता तो चले क्यों कर रखी है कोई भी कर्मचारी यहां का फोन नहीं उठा रहा है कोई बात नहीं कर रहा यहां पर ताले मारे और निकल गए बस यही दिक्कत है और इससे ज्यादा मैं क्या कह सकता हूं।

किसान जसविंदर सिंह के मुताबिक हम यहां पर मटर बो रहे है खाद मिल नहीं रही है साहब बहुत परेशान है एक कट्टा है उसे दो एकड़ में डालकर बो रहे हैं गोदामों में खाद है वर्कर्स बंद करके हड़ताल पर चले गए हैं कह रहे हैं 31 तारीख तक हड़ताल है और किसान कैसे फसल बोएगा कैसे काम चलेगा बहुत परेशानी का सामना कर रहे हैं लाइनों में लगकर भी नहीं मिल रहा है पहले एक आधार कार्ड से 5 कट्टे थे अब 2 कर दिए है वह भी नहीं मिल रहे हैं और अब सोसाइटी में हड़ताल कर दी है हमारे पास पहले की थोड़ी हाई पड़ी थी उससे बो रहे हैं 1 एकड़ में ढेर कट्टे पढ़ते हैं और हम एक कट्टे से 2 एकड़ बो रहे हैं इस टाइम। दिक्कत यह है कि खाद के बगैर फसल थोड़ी होती है एक तो रेट बढ़ाई जा रहे हैं पहले ग्यारह सौ का कटा था अब 12 सो या 1300 का कर दिया है और फिर भी मिल नहीं रहा है इस गांव में बहुत सारे किसान परेशान है किसी के पास खाद नहीं है। हम यही चाहते हैं खाद मिलनी चाहिए और कंट्रोल रेट पर मिलना चाहिए सब्सिडी कहते हैं सब्सिडी नहीं आती है मटर बोई में खाद नहीं मिल रही हैं चार चार दिन फसल लेट हो जा रही है पहले बारिश की वजह से लेट हो गई और अब खाद की वजह से मटर कैसे बोए।

किसान मोहम्मद शाहिद के मुताबिक हम यहां खाद लेने के लिए आए थे यहां पर खाद नहीं मिल रहा है खाद यहां पर स्टोर के अंदर है एडवांस लेकिन मिल नहीं रहा है हड़ताल कर रखी है ताले मार रखे हैं हम लोग सुबह से परेशान हो रहे हैं पीछे भी आए थे लाइन में लगकर बाद में बट्टी रहती थोड़ी बहुत फिर बंद कर दी और सुबह से फोन कर रहे हैं कोई फोन नहीं उठा रहा है और ना ही यहां पर कोई आ रहा है। इस टाइम गेहूं की फसल तैयार है, मटर की फसल तैयार है, लाई की तैयार है सारी चीज सब कुछ कंप्लीट है बस खाद डालेगा नमी खत्म होती जा रही है अब खाद एक हफ्ते तक नहीं मिलेगा दोबारा कैसे करेंगे डीजल पेट्रोल सब कुछ महगा हैं सब किसान परेशान हैं। खाद यहां पर एडवांस है लेकिन बाट नहीं रहे हैं हड़ताल कर रखी है। हम यही कहना चाहते हैं कि किसानों को खाद मिलना चाहिए और फसल टाइम से बोई जाना चाहिए नहीं तो नुकसान हैं किसानों का। 

मंडल कमीश्नर आनजनेय कुमार सिंह के मुताबिक उस पर निरंतर नजर रखी जा रही है जहां कहीं पर शॉर्टेज आ रही है वहां पर हम तत्काल व्यवस्था करा रहे हैं ऐसी शॉर्टेज कहीं पर नहीं है और हां अगर कोई नकली शॉर्टेज क्रिएट करने की कोशिश करेगा उस पर नजर है उसको भी हम बड़ी सकती के साथ निपटाएंगे। उस पर हमारी बातचीत चल रही है किसानों को किसी भी तरह की समस्या नहीं होने देंगे किसी भी वजह से इतना हम लोगों का प्रयास है और वह व्यवस्था तत्काल सुधारी जाएगी जैसे भी तरीके से किसान को समस्या ना हो यह सुनिश्चित करेंगे देखिए हड़ताल का मामला अलग है उनसे भी हम बातचीत में है और प्रयास कर रहे हैं कि हम उसको तुरंत रिसॉल्व कर सकें लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि उससे होने वाली ऐसी कोई भी नेगेटिव इंपैक्ट नहीं होने दिया जाएगा आज शुरुआती दौर में अचानक किसी को एहसास नहीं था तो थोड़ी देर के लिए आ व्यवस्था हुई होगी लेकिन वापस हम उसको पटरी पर ले आ रहे हैं और कल तक यह व्यवस्था दूर कर लेंगे।
 

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Author: cradmin

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