बरेली।

मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि महाभारत काल में इस झील का उल्लेख “यक्ष सरोवर” के रूप में किया गया है। यह भूमि भोग की नहीं बल्कि योग की भूमि है। उन्होंने कहा कि लिलौर झील को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। झील के विकास से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने लोगों से साफ-सफाई बनाए रखने और आने वाले पर्यटकों के साथ अच्छा व्यवहार करने की अपील की। साथ ही बताया कि होम स्टे नीति के तहत ग्रामीण अपने घरों में ठहरने और भोजन की सुविधा देकर आजीविका कमा सकते हैं।
मंडलायुक्त भूपेंद्र एस. चौधरी ने कहा कि लिलौर झील धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और अब यह पूरे मंडल के लिए पर्यटन का मुख्य केंद्र बनेगी। जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने बताया कि झील को स्वच्छ बनाए रखने के लिए जनसहयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि झील तक ई-बसों का संचालन शुरू किया जाएगा और गर्मी में जलस्तर बनाए रखने के लिए नलकूप भी लगाए गए हैं। झील का विकास नैनीताल झील की तर्ज पर किया जा रहा है।
अधिशासी अभियंता विनय शर्मा ने बताया कि वर्तमान में चार डिब्बों वाली फैमिली ट्रेन शुरू की गई है, जिसे शीघ्र ही एक किलोमीटर तक विस्तारित किया जाएगा। आगे चलकर यह ट्रेन 52 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाली झील के चारों ओर चलाई जाएगी। इस मौके पर स्कूली छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं। कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी देवयानी, एडीएम संतोष कुमार सिंह, एसडीएम विदुषी सिंह, पर्यटन उपनिदेशक रविंद्र कुमार समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे।




