करोड़ों की लागत से बना ओवरहेड टैंक टैस्टिंग से पहले चटका, लिंटर में आई दरारें, प्रशासन में हड़कंप

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मीरगंज। जल जीवन मिशन के तहत गांवों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए बनाए जा रहे ओवरहेड टैंक निर्माण में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। मीरगंज के गांव सुजातपुर में 3.75 करोड़ रुपये की लागत से बने ओवरहेड टैंक का पिलर टैस्टिंग से पहले ही चटक गया और लिंटर में दरारें पड़ गईं। मामले की जानकारी होते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया और अधिकारी मौके पर पहुंचकर निरीक्षण में जुट गए।

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जानकारी के अनुसार, मीरगंज विकासखंड के गांव सुजातपुर और बलूपुरा को पेयजल आपूर्ति के लिए 350 किलोलीटर क्षमता का ओवरहेड टैंक बनाया गया है, जिसकी ऊंचाई 18 मीटर है। इस टैंक के माध्यम से दोनों गांवों के 963 घरों को पेयजल आपूर्ति होनी है। हालांकि, पानी की सप्लाई शुरू होने से पहले ही टैंक के बीच के पिलर में दरारें पड़ गईं और मलबा गिरने लगा। ग्रामीणों ने इसकी सूचना प्रधानपति फिरोज खान को दी, जिसके बाद निर्माण एजेंसी एनसीसी के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और टैंक की मरम्मत शुरू कर दी।

 

 

निरीक्षण में सामने आईं खामियां
रविवार को जल निगम के अवर अभियंता ने मौके का निरीक्षण किया। सोमवार को जब इस मामले की शिकायत संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंची तो एसडीएम मीरगंज तृप्ति गुप्ता भी निरीक्षण के लिए पहुंच गईं। उन्होंने मौके पर पहुंचकर पूरी स्थिति का जायजा लिया और निर्माण एजेंसी के कर्मचारियों से जानकारी ली।

एसडीएम तृप्ति गुप्ता ने बताया कि मामले की जांच के लिए टीम गठित कराई जाएगी और रिपोर्ट में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों और निर्माण एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि वह अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भी भेजेंगी।

 

ग्रामीणों में रोष
ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य के दौरान मानकों की अनदेखी की गई है, जिसके चलते अभी पानी की सप्लाई शुरू होने से पहले ही टैंक में दरारें पड़ गईं। ग्रामीणों ने मांग की है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और टैंक का पुनर्निर्माण कराया जाए।

 

क्या बोले प्रधान पति फिरोज खान
प्रधान पति फिरोज खान ने बताया कि सूचना मिलते ही निर्माण एजेंसी के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और टैंक पर कपड़ा डालकर दरारों को छिपाने का प्रयास किया गया। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की लीपापोती से बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने मांग की कि पूरी जांच के बाद टैंक का निर्माण दोबारा कराया जाए ताकि भविष्य में किसी प्रकार की दुर्घटना न हो।

 

 

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Author: newsvoxindia

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