बरेली। ऑल इंडिया मुस्लिम काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौक़ीर रज़ा खान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस्लाम में आतंकवाद की कोई जगह नहीं है। यह मुसलमानों पर एक झूठा और सुनियोजित इल्ज़ाम है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ़ सबसे पहली जंग मुसलमानों ने कर्बला में लड़ी थी और तब से लेकर आज तक हर दौर में मुसलमान आतंक के खिलाफ़ खड़े रहे हैं।
मौलाना तौक़ीर ने कहा कि दुखद यह है कि जिस दौर में हमने आतंक के खिलाफ आवाज उठाई, उसी दौर की ताक़तों ने हम पर ही आतंकवादी होने का आरोप लगाया। जो लोग आतंक फैलाते हैं, वही आज हमें आतंकवादी कह रहे हैं।
मौलाना ने कहा कि मौजूदा समय में हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि अब सरकार के खिलाफ़ बोलना गुनाह बन गया है। मुसलमान तो छोड़िए, अगर कोई हिंदू भाई भी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाता है, तो उसे भी देशद्रोही कह दिया जाता है।
छनगुर बाबा को लेकर पूछे गए सवाल पर मौलाना ने कहा कि किसी भी व्यक्ति का अपने फायदे या प्रेम प्रसंग में धर्म बदलना इस्लाम में स्वीकार्य नहीं है। इस्लाम में शामिल होने के लिए सच्ची नीयत और ईमानदारी ज़रूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि अपने मज़हब की अच्छाइयों का प्रचार करना कोई अपराध नहीं, लेकिन सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी यह है कि मुसलमान खुद सच्चे मुसलमान बनें।
उन्होंने कहा कि उलेमा और समाज के बुद्धिजीवियों को चाहिए कि वे भटके हुए मुसलमानों को सही रास्ते पर लाएं। मुसलमानों को अपने अमल सुधारने की जरूरत है। इस्लामी तालीम को प्राथमिकता दी जाए, बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जाए, शादियों में फुज़ूलखर्ची से बचा जाए और रहन-सहन में इस्लामी तहज़ीब की झलक हो।
मौलाना तौक़ीर ने मस्जिदों को लेकर भी सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि जंगे आज़ादी के दौर में मस्जिदों की भूमिका अहम रही है, लेकिन कभी भी सियासत के लिए इनका इस्तेमाल नहीं किया गया। मस्जिद इबादतगाह है, न कि राजनीतिक मंच।
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और संसद इमाम साहब की मस्जिद में उपस्थिति को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों पर मौलाना ने कहा कि हो सकता है वहां कोई बैठक न हुई हो, लेकिन इसका संदेश गलत गया है। इससे मस्जिदें बदनाम हो रही हैं, जो चिंताजनक है। आज ऐसा एक पार्टी कर रही है, कल दूसरी पार्टी भी यही करेगी, जो पूरी तरह गलत परंपरा होगी।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि मस्जिदों को सियासी गतिविधियों से पूरी तरह दूर रखा जाए।
आईएमसी के मीडिया प्रभारी मुनीर इदरीसी ने बताया कि मौलाना तौक़ीर रज़ा खान जल्द ही उलेमा और बुद्धिजीवियों की एक अहम बैठक बुलाएंगे, जिसमें मौजूदा हालात पर विस्तृत चर्चा की जाएगी और आगामी रणनीति पर विचार होगा।
